कोविड-19 महामारी के दौरान रेमडेशिविर वितरण को लेकर पिछले दिनों विधान सभा सदस्य जीशान सिद्दीकी और एक्टर सोनू सूद पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। सोनू सूद के खिलाफ नीलेश नवलखा नाम के एक शख्स ने याचिका दाखिल की है। जिसपर कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे।
सोनू सूद ने कहा- नाम खराब करने की कोशिश की जा रही
इस बीच सोनू का कहना है कि उनके नाम को खराब करने के लिए इस तरह की याचिका दाखिल की गई है। वो और उनका एनजीओ साफ नीयत से सिर्फ लोगों की मदद करने के लिए काम कर रहा है। इसी को लेकर सोनू सूद ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है।
सोनू सूद ने दावा किया है कि उन्होंने इन दवाओं को मुहैया करने का फैसला तब लिया जब लोग लगातार उनसे संपर्क कर रहे थे और उन्हें दवाएं नहीं मिल पा रही थीं क्योंकि बाजार में इनकी भारी कमी थी और हर किसी के लिए इन्हें पाना करीब-करीब नामुमकिन हो गया था।
सोनू सूद ने दिया ये जवाब
इस संबंध में हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिए हैं कि जांच कर ये पता लगाया जाए कि किस चैनल से इन लोगों ने ये दवाएं पाईं। क्या वो वैध थीं या नहीं। क्या उनमें नकली दवाएं तो शामिल नहीं थीं? हालांकि सोनू सूद का कहना है कि उन्होंने मुंबई के गोरगांव स्थित लाइफलाइन मेडिकेयर हॉस्पिटल से ये दवाएं ली थीं जिन्हें जानी मानी कंपनी सिप्ला ने बनाया था।