शेखर कपूर के सपोर्ट में उतरीं एक्स-वाइफ, जावेद अख्तर पर निकाली भड़ास
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 30, 2019 10:48 AM2019-07-30T10:48:28+5:302019-07-30T10:48:28+5:30
शेखर कपूर पर भड़कते हुए जावेद अख्तर ने फिल्म मेकर को मनोरोगी भी कह दिया है। अब इस मामले पर शेखर कपूर की पूर्व पत्नी सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर 49 हस्तियों ने पीएम मोदी को खत लिखा है जिसमें खुद जावेद अख्तर भी शामिल हैं। हाल ही में जावेद और शेखर कपूर आमने-सामने आ गए हैं। जावेद अख्तर इतना भड़क गए कि उनको दिमागी डॉक्टर के पास जाने की सलाह दे डाली है। शेखर कपूर पर भड़कते हुए जावेद अख्तर ने फिल्म मेकर को मनोरोगी भी कह दिया है। अब इस मामले पर शेखर कपूर की पूर्व पत्नी सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने ट्वीट करके शेखर का सपोर्ट किया है और जावेद पर भड़ास निकाली है। @Jededakhtarjadu की ओर से @shekharkapur के ट्वीट पर बहुत व्यक्तिगत हमला किया गया। बौद्धिकता वास्तव में एक अस्वस्थता है।
Totally shocked by @Javedakhtarjadu s very personal attack on @shekharkapur s tweet. Intellectualism is indeed a malaise
— Suchitra Krishnamoorthi (@suchitrak) July 29, 2019
शेखर कपूर ने ट्वीट करके लिखा, 'बंटवारे के रिफ्यूजी के तौर पर जिंदगी शुरू की। पैरंट्स ने अपने बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए सब कुछ किया। हमेशा से 'बुद्धिजीवियों' के डर में जिया हूं। उन्होंने हमेशा मुझे छोटा (तुच्छ) होने का अहसास दिलाया। बाद में उन्होंने अचानक मेरी फिल्मों के कारण गले लगा लिया। मैं अब भी उनसे डरता हूं। उनका गले लगना सांप के डसने जैसा है। अभी भी मैं एक रिफ्यूजी हूं।'
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
शेखर कपूर के इस ट्वीट पर जावेद अख्तर ने कमेंट किया, 'अभी भी रिफ्यूजी होने से क्या मतलब है आपका। क्या आप अभी भी खुद को भारतीय नहीं बल्कि बाहर का महसूस करते हैं और आपको ऐसा लगता कि यह आपकी मातृभूमि नहीं है। अगर आपको देश में भी रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है तो आप खुद को कहां रिफ्यूजी महसूस नहीं करेंगे, पाकिस्तान में? बेचारे अमीर लेकिन अकेले आदमी, यह ड्रामा बंद कीजिए।'
आगे जावेद अख्तर ने लिखा, 'ये बुद्धिजीवी कौन हैं जिन्होंने आपको गले लगाया और आपको वो सांप के डसने जैसा लगा? श्याम बेनेगल, अदूर गोपाल कृष्णा, राम चंद्र गुहा? सच में? शेखर साहब आप ठीक नहीं लग रहे हैं। आपको मदद की जरूरत है। मान जाइए, एक अच्छे साइकेट्रिस्ट से मिलना कोई शर्म की बात नहीं है।'