1 फरवरी नजदीक है और एनडीए सरकार लोकसभा चुनावों से पहले अपना अंतिम बजट पेश करने के लिए तैयार है। हर बार की तरह से इस बार भी लोगों की नजर मोदी सरकार के इस आखिरी और अहम बजट पर होने वाली है। ऐसे में हर बार की तरह से बॉलीवुड की भी कुछ मांगे हैं जिनका बदलाव बजट में सरकार से फिल्म इंडस्ट्री चाहती है। आइए जानते हैं किसकी मांग सिनेमा की है आवश्यक-
थिएटर्स मालिकों की नजर से
हमारे देश में मल्टिप्लेक्सेस के सेट अप को बढ़ावा देने के लिए सरकार को इनकम टैक्स के अधिनियम 80-IB के तहत छूट की मांग की उम्मीद की जा सकती है। इनकम टैक्स में छूट मिल जाएगा तो सिनेमाघर मालिकों का खासा राहत मिलेगी। इससे ज्यादा लोग थिएटर्स में इनवेस्ट करेंगे।
फिल्म बेचने में टैक्स पर छूट की मांग
सिनेमा के लिए आवश्यक है कि अगर कोई प्रड्यूसर अपनी फिल्म किसी एक्जिबिटर को बेचता है तो उस फाइनेंशियल ईयर के 90 दिन के अंदर उसे फिल्म प्रोडक्शन पर क्लेम डिडक्शन का अधिकार मिलना चाहिए ताकि उसका सीधा लाभ उसको ही मिले।
SEZ में मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स हटाएं
जो मीडिया कंपनियां स्पेशल इकोनोमिक जोन में हैं उनसें सरकार को मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स हटाएं ताकि आगे की सिनेमा की संभावनाएं ज्यादा बढ़ें। इस बार के बजट में अगर सरकार कंपनियों पर से इस तरह के टैक्ट हटा देगी तो कंपनियों को टैक्स के ज्यादा बोझ से छुटकारा मिल सकेगा।
अब देखना ये है कि सरकार इनमें से कितनी मांगों पर गौर करके बॉलीवुड की राहों को आसान बनाने की कोशिश करती है।