देश में बेरोजगारी एक राष्ट्रीय मुद्दा है। और ये महत्वपूर्ण तब और हो जाता है जब महंगाई भी आम लोगों की कमर तोड़ रखी है। पेट्रोल-डीजल और खाद्य पदार्थों के दामों में लगातार वृद्धि से लोग त्रस्त हो चुके हैं। कोरोना महामारी में लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी। ऐसे में इन मुद्दों को उठाने वाले गीत-संगीत लोगों से सीधे कनेक्ट हो पा रहे हैं।
ऐसा ही एक गीत इस वक्त सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें बेरोजगारी का मुद्दा उठाया गया है। इस गीत को गानेवाले बिहार के मशहूर यूट्यूब क्रिएटर आदर्श आनंद हैं। आदर्श अपनी क्रिएटिव टीम (जिसमें कई बच्चे शामिल हैं) के साथ गीत-संगीत के माध्यम से नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। लोगों को यह गीत खूब भा रहा है। वहीं फिल्म गीतकार जावेद अख्तर ने भी इसे रीट्वीट किया है।
आदर्श आनंद ने इस गीत को 1980 में रिलीज हुई फिल्म कर्ज के एक गीत मेरे उमर के नौजवानों की धुन पर रचा है। वीडिया में आदर्श आनंद के साथ उनकी बच्चों की मंडली पीछे से उनका साथ देती है। जो गाने में अलग-अलग संगीत वाद्यों के साथ कोरस करते हैं। वीडियो यहां से शुरू होता है- तुमने कभी फॉर्म फिल किया। रेलवे को चार्ज एक्स्ट्रा दिया। मैंने भी दिया। इस गीत में बेरोजगारी और नौकरी के नाम पर सरकारी ठगी को उजागर किया गया है।
इस गाने को आदर्श आनंद ने 13 अक्टूबर को अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया था। इस गाने को अबतक लगभग 6 मिलियन बार देखा जा चुका है। वहीं सोशल मीडिया पर भी ये तलहका मचाए हुए है। लोग इस गाने को पसंद कर रहे हैं और शेयर कर रहे हैं।