JNU मामले में आइशी घोष पर FIR से भड़के जावेद अख्तर, आखिर उसने कैसे हाथ में लोहे की रॉड वाले राष्ट्रवादियों को...

By ज्ञानेश चौहान | Updated: January 7, 2020 14:33 IST2020-01-07T14:33:32+5:302020-01-07T14:33:32+5:30

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष सहित 19 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक इन सभी पर तोड़फोड़ और मारपीट के आरोप लगे हैं।

Javed Akhtar Reaction on FIR Against JNUSU President Aishe Ghosh | JNU मामले में आइशी घोष पर FIR से भड़के जावेद अख्तर, आखिर उसने कैसे हाथ में लोहे की रॉड वाले राष्ट्रवादियों को...

JNU मामले में आइशी घोष पर FIR से भड़के जावेद अख्तर, आखिर उसने कैसे हाथ में लोहे की रॉड वाले राष्ट्रवादियों को...

Highlightsये एफआईआर जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर पांच जनवरी को दर्ज की गई।तोड़फोड़ की घटना के संबंध में दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुए मारपीट मामले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष सहित 19 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक इन सभी पर तोड़फोड़ और मारपीट के आरोप लगे हैं। लेकिन आइशी के ऊपर एफआईआर दर्ज होने से गीतकार जावेद अख्तर भड़क गए। उन्होंने पुलिस के इस एक्शन पर अपना गुस्सा जाहिर किया है।

जावेद अख्तर ने मंगलवार को अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा, "JNUSU अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर होना समझ से परे है। आखिर उसने कैसे हाथ में लोहे की रॉड वाले राष्ट्रवादियों, देश प्रेमियों को अपने सिर से रोकने का साहस किया। इन देशद्रोहियों ने हमारे गरीब गुंडों को ठीक से लाठी भी नहीं भांजने दी। उन्होंने हर बार अपना शरीर सामने कर दिया। मुझे पता है कि उन्हें चोट पसंद है।"


 
जावेद अख्तर का यह ट्वीट अब तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर अब कई लोगों के रिएक्शन्स सामने आ रहे हैं। पीटीआई-भाषा में छपी खबर के अनुसार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सर्वर रूम में तोड़फोड़ की घटना के संबंध में दिल्ली पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने मंगलवार को यह बताया। उन्होंने बताया कि ये प्राथमिकी जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर पांच जनवरी को दर्ज की गई।

खबर के अनुसार जेएनयू प्रशासन ने तोड़फोड़ के सिलसिले में छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत अन्य पदाधिकारियों के नाम दिए थे लेकिन पुलिस ने घोष या अन्य छात्रों के नाम प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज नहीं किए हैं।

पुलिस ने बताया कि सर्वर बंद करने की शिकायत तीन जनवरी को और सर्वर रूप में तोड़फोड़ की शिकायत चार जनवरी को दर्ज करवाई गई थी। जेएनयूएसयू के उपाध्यक्ष साकेत मून ने आरोप लगाया कि प्रशासन कुछ छात्रों को चुन-चुनकर निशाना बना रहा है। मून ने सर्वर रूप में तोड़फोड़ की घटना में संलिप्तता से इनकार किया।

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Web Title: Javed Akhtar Reaction on FIR Against JNUSU President Aishe Ghosh

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