दिग्गज रंगकर्मी उषा गांगुली का बृहस्पतिवार को दक्षिण कोलकाता स्थित उनके घर में निधन हो गया। वह 75 वर्ष की थीं। उनके परिवार के अनुसार शहर के लेक गार्डेन्स इलाके में स्थित अपने फ्लैट में वह बृहस्पतिवार को सुबह सात बजे उनकी घरेलू सहायिका को अचेत अवस्था में मिलीं। उन्होंने बताया कि डॉक्टर को बुलाया गया जिसने बताया कि कुछ समय पहले दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी।
गांगुली का एक बेटा है, लेकिन वह फ्लैट में अकेली रहती थीं। उनके पति कमलेन्दु की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। तीन दिन पहले गांगुली के भाई का भी निधन हो गया था। उन्होंने 1976 में रंगकर्मी समूह की स्थापना की थी, जिसे महाभोज, रुदाली, कोर्ट मार्शल और अंतर्यात्रा जैसे नाटकों के लिए जाना जाता है। गांगुली को बंगाल में वैकल्पिक हिंदी रंगमंच के एक नए रूप को लाने का श्रेय दिया जाता है।
वह कहती थीं, "रंगमंच ही मेरा जीवन है और रंगकर्मी मेरा परिवार है।" काशीनाथ सिंह के उपन्यास पर आधारित उनका बहुचर्चित नाटक काशी का अस्सी बहुत चर्चित रहा, फैंस ने इसे बेहद सराहा। उषा गांगुली के निधन की खबर सुनने के बाद से फैंस भी गहरे सदमे में हैं।