12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप पर मौत की सजा वाले विधेयक को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 18, 2018 07:25 PM2018-07-18T19:25:01+5:302018-07-18T19:31:33+5:30
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने वाले दोषियों को मृत्युदंड प्रदान करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली, 18 जुलाई: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने वाले दोषियों को मृत्युदंड प्रदान करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। खबर के अनुसार गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए इस बिल को इस बार के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। हाल ही में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि इस बिल को पीएम मोदी की अध्यक्ष वाली बैछत में पास कर दिया गया है।
कठुआ गैंगरेप जैसी घटनाओं के बाग अगर 12 से कम उम्र बच्ची के साथ रेप किया जाता है तो मौत की सजा की बात बिल में कही गई है। बलात्कार और हत्या के बाद जल्द आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश को प्रतिस्थापित करेगा। उन्नाव गैंगरेप को भी ध्यान में रखते हुए बिल में सजा के कड़े प्रावधान पेश किए किए हैं, ताकि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके। 12 से कम उम्र की बच्चियों के साथ इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को जीवनभर कारावास की सजा के साथ फांसी का रुप हो।
कहा जा रहा है कि इस बिल में 12 साल से कम उम्र के लड़कियों के बलात्कारियों के लिए मौत की सजा दी गई है। बिल के मुताबिक, 16 साल से कम उम्र की लड़की के बलात्कार के मामले में न्यूनतम सजा 10 साल से 20 साल तक बढ़ी है। जो अब आजावीन कारावास में बदल गई है। ऐसे में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसको आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी। अगर 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ गैंगरेप किया जाता है तो मौत की सजा हो सकती है।
वहीं इस बिल में रेप के बाद जांच की प्रक्रिया को तेज से करने की बात को भी पेश किया गया है। इतना ही नहीं बिल के मुताबिक अगर किसी नाबालिग बच्ची के साथ इस तरह की घटनाओं को किया जाता है तो बेल का कोई प्रावधान भी नहीं होगा। वहीं, 16 साल से कम उम्र की लड़की के बलात्कार के मामले में जमानत आवेदन का फैसला करने से पहले एक सरकारी अभियोजक और पीड़ित के प्रतिनिधि को 15 दिनों का नोटिस देना होगा। ऐसे में अब इस बिल के संसद में पास होने पर हर किसी की निगागें टिकी हैं।