नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जामिया में चल रहे प्रदर्शन में फिल्मकार अनुराग कश्यप ने छात्रों को विश्वास दिलाया कि वह उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीने में मुझे लगता था कि हम मर गए हैं। लेकिन आज यहां आकर मुझे लगा कि हम जिंदा हैं। कश्यप के मुताबिक यह लड़ाई संविधान, देश और सभी चीजों को वापस पाने के लिए हैं।
जामिया में आगे अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह आंदोलन जामिया से शुरू हुआ। यह लड़ाई बहुत लंबी है। यह कल, परसों या अगले चुनाव के साथ खत्म नहीं होगी। लेकिन आपको इसके लिए बहुत धीरज रखना होगा। वे इंतजार कर रहे हैं कि यहां लोग थककर घर चले जाएं। इसलिए हमें धैर्य रखना होगा और अपने रुख पर कायम रहना होगा।
उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग इस इंतजार में बैठे हैं कि कब आपका धैर्य खत्म हो और हिम्मत छोड़कर वापस अपने-अपने घर लौट जाए। लेकिन हमें अपना धैर्य बनाए रखना होगा और अपने फैसले पर कायम रहना होगा। जामिया के अलावा अनुराग कश्यप शाहीन बाग भी पहुंचे। यहां भी उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के खिलाफ अपनी बात रखी।
अनुराग कश्यप ने आगे कहा कि आप लोगों की हिम्मत देखकर मैं ट्विटर पर वापस आया। सबको सबके हाल पर छोड़कर गया था मैं पर आप उस तरीके की सरकार की डील कर रहे हैं जो अपने से अलग डील करते हैं। आप ऐसे सरकार से डील कर रहे हैं जो गार्गी कॉलेज के मोलेस्टर को पकड़ लेती है और डां काफिल को NSA लगाकर अंदर कर देती है। यूपी में बच्चे मारे जा रहे वहां कुछ नहीं होता।