फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने अपने ट्विटर के कवर व डीपी फोटो को ब्लैक कर लिया है। अनुराग ने अपनी फोटो (डीपी) की जगह एक ब्लैक फोटो लगाई है, साथ ही कवरफोटो को भी ब्लैक कर लिया है। उन्होंने इसके साथ ही अपने बारे में जो जानकारी लिखते हैं वह भी बदल दी है। उन्होंने अब लिखा है अनुराग कश्यप- शर्मिंदा, फ्रीलांसर,फिल्म निर्माता किरायें पर। उन्होंने अपने ट्विटर पर ये बदलाव कब किए ये अभी साफतौर पर नहीं कहा जा सकता हैं। लेकिन उनका बहुत बड़ा कदम है इतना जरुर साफ हो गया है। साथ ही अनुराग ने ऐसा क्यों किया है ये भी अभी नहीं कहा जा सकता है।
वहीं, हाल ही में फैंटम फिल्म्स के अपने सहयोगी विकास बहल के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे जिसके बाद उन्होंने चुप्पी भी तोड़ी थी। फिल्मकार अनुराग कश्यप ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि उनके वकीलों ने इस मामले में उन्हें सही सलाह नहीं दी थी। ‘हफपोस्ट इंडिया’ में हाल में छपे एक लेख में हाल ही में भंग किए गए प्रोडक्शन बैनर की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने आरोपों को दोहराते हुए मई 2015 की घटना के बारे में विस्तार से बताया था।
रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने कहा कि उन्होंने कश्यप से संपर्क किया और घटना के बारे में विस्तार से बताया था, लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। बहल उनका तब तक उत्पीड़न करते रहे जब तक उन्होंने कंपनी छोड़ नहीं दी।
ट्विटर पर दो पृष्ठों के एक बयान में कश्यप ने कहा है कि उनके वकीलों ने उन्हें बताया कि ऐसा कुछ नहीं है जिसके आधार पर फैंटम फिल्म्स से बहल को हटाया जा सके। सात साल पहले फैंटम फिल्म्स की स्थापना की गयी थी।
बयान में उन्होंने लिखा, ‘‘फैंटम के अंदर रहते हुए मेरे पार्टनर और उनके वकीलों ने मुझे जो बताया, मैं जो कर सकता था, मैंने किया। कानूनी और वित्तीय फैसलों के लिए मैं पूरी तरह से अपने पार्टनर और उनकी टीम पर निर्भर था। वे उन सभी चीजों का ध्यान रखते थे ताकि मैं उन चीजों पर ध्यान दे चकूं जिन्हें मैं बेहतर, रचनात्मक तरीके से कर सकता था। किसी भी मामले में उनका और उनकी टीम का फैसला हम सबके लिये अंतिम होता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तब मुझे जो कानूनी सलाह दी गयी उसके अनुसार मुझे बताया गया था कि हमारे पास बेहद सीमित विकल्प हैं। अब जब मैं खुद उन बातों पर गौर कर रहा हूं तो मैं कह सकता हूं कि मुझे गलत सलाह दी गई थी।’’
कश्यप ने कहा कि सीमित विकल्प को देखते हुए कंपनी ने ‘‘मजबूत नैतिक रुख’’ अपनाया जिसमें बहल को कार्यालय परिसर से दूर रखना और उनसे हस्ताक्षर करने के अधिकार ले लेना शामिल थे। फिल्मकार ने कहा कि जिसने भी इस बारे में निजी तौर पर उनसे बात की तो उन्होंने बहल की निंदा की।