40 वर्षीय कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता उर्फ भारती की आतंकवादियों ने सोमवार को अनंतनाग में गोली मारकर हत्या कर दी। अजय पंडिता लार्कीपोरा के लुकवाबन गांव के सरपंच थे, उन पर आतंकियों ने सोमवार शाम 6 बजे के करीब हमला किया था। पुलिस ने बताया कि भारती कांग्रेस से जुड़े हुए थे। गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन वह बच नहीं सके।
इस मामले पर लगातार प्रतिक्रिया आ रही है। वहीं अब बॉलीवुड की तरफ से भी इस मामले पर प्रतिक्रिया सामने आई है। देश- दुनिया से जुड़े हर समसामयिक मुद्दे को लेकर बेबाकी से अपनी राय रखने वाले अभिनेता अनुपम खेर का भी अब इस मामले पर गुस्सा फूटा है।
अभिनेता अनुपम खेर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। अनुपम सोशल मीडिया पर आए दिन किसी ना किसी मुद्दे पर अपनी राय रखते नजर आ रहे हैं। अब हाल ही में अभिनेता अनुपम खेर ने एक वीडियो के माध्यम से कश्मीरी पंडित सरपंच की हत्या के मामले पर गुस्सा जाहिर किया है। अनुपम खेर ने इस दौरान नब्बे के दशक में हुई कश्मीरी पंडितों की हत्या के मामले को याद किया।
अनुपम ने क्या कहा वीडियो में
इस वीडियो में अनुपम कह रहे हैं 'कल दिनदहाड़े कश्मीर के अनंतनाग में एक अकेला कश्मीरी पंडित अकेला इसलिए क्योंकि पूरे कश्मीर में कोई और कश्मीरी पंडित सरपंच नहीं था। उसको हत्यारों ने, आतंकवादियों ने सड़क पर गोली मार दी। ये फिर दोहराया जा रहा है, वही कांड जो 80 के दशक में हुआ था, जिसको फाइनल अंजाम दिया गया था, 19 जनवरी 1990 को। उसके मां-बाप को बिलखता देखकर उनकी तकलीफ देखकर बहुत दुख हुआ, बहुत रोष भी हुआ।'
वीडियो में अनुपम खेर का गुस्सा साफ तौर पर नजर आ रहा है। वीडियो के अंत में अनुपम कहते नजर आ रहे हैं, 'कश्मीर में जो भी हो चाहे वो मुस्लिम हो, चाहे वो पंडित हो, जो भी अभी भी टेररिज्म कर रहा है, उसको बचाना नहीं है, जब हमारी सिक्युरिटी फोर्सेस उसे पकड़ने की कोशिश करती है, तो उसको बचाने की कोशिश मत कीजिए। क्योंकि कल को आपके भी परिवार के किसी सदस्य को ऐसे दिनदहाड़े गोली मार दी जाएगी। मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि उनके परिवार वालों के लिए, उनके घरवालों के लिए उनके बच्चों के लिए। ओम शांति।'
राहुल गांधी ने की निंदा
सभी पार्टियों ने सरपंच की हत्या की निंदा की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने पार्टी के ग्रासरूट कार्यकर्ता के वीभत्स हत्या की निंदा की है। राहुल ने ट्वीट किया, "अजय पंडिता के परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना है, जिन्होंने कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अपनी शहादत दी। दुख के समय हम उनके साथ हैं। हिंसा कभी जीत नहीं सकती।"