रंजना मिश्रा ब्लॉग: पोषण के लिए पौष्टिक भोजन के साथ जल भी जरूरी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 16, 2023 08:18 IST2023-10-16T08:16:10+5:302023-10-16T08:18:00+5:30
भूख और कुपोषण एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे मिलकर हल किया जा सकता है। सरकार और गैरसरकारी संगठनों को स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने के लिए काम करना चाहिए, ताकि कुपोषित बच्चों को आवश्यक पोषण और चिकित्सा देखभाल प्राप्त हो सके।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्तूबर को मनाया जाता है यह दिन संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना की वर्षगांठ को चिह्नित करता है, जिसकी स्थापना 16 अक्तूबर 1945 को हुई थी।
विश्व खाद्य दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में भूख और कुपोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन लोगों को भोजन की सुरक्षा के महत्व के बारे में शिक्षित करने और भोजन की बर्बादी को कम करने के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी एक अवसर प्रदान करता है। विश्व खाद्य दिवस के लिए हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है।
2023 की थीम है, ‘जल ही जीवन है, जल ही भोजन है किसी को भी पीछे न छोड़ें’ इस थीम का उद्देश्य पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी की महत्वपूर्ण भूमिका और हमारे भोजन की नींव के रूप में पानी को उजागर करना है।
विश्व खाद्य दिवस को दुनिया भर में कई तरह से मनाया जाता है। लोग अक्सर इस दिन भोजन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग लेते हैं। कुछ लोग भोजन की बर्बादी को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हैं, जैसे अपने भोजन को बर्बाद होने से बचाने के लिए योजना बनाना और भोजन बचाकर दान करना।
दरअसल भूख और कुपोषण दुनिया की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। लाखों लोग हर दिन पर्याप्त भोजन नहीं पाते, जिससे उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। जब व्यक्ति को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता तो इसे भूख की अवस्था कहते हैं और जब व्यक्ति को पर्याप्त पोषण नहीं प्राप्त हो पाता, भले ही उसे पर्याप्त भोजन मिल रहा हो, तो उसे कुपोषण की अवस्था कहते हैं।
भूख और कुपोषण कई कारणों से हो सकता है, जैसे-गरीबी, युद्ध और संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, अर्थव्यवस्था, आय असमानता आदि। गरीब लोग अक्सर पर्याप्त भोजन खरीदने में सक्षम नहीं होते इसलिए वे भूख और कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। युद्ध और संघर्ष की स्थिति में अक्सर भोजन की आपूर्ति बाधित होती है।
इससे भूख और कुपोषण की समस्या पैदा होती है। जलवायु परिवर्तन सूखे, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन सकता है, जिससे भोजन की कमी हो सकती है। वैश्विक आर्थिक संकटों से खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे लोगों के लिए भोजन खरीदना मुश्किल हो सकता है।
भूख और कुपोषण एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे मिलकर हल किया जा सकता है। सरकार और गैरसरकारी संगठनों को स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने के लिए काम करना चाहिए, ताकि कुपोषित बच्चों को आवश्यक पोषण और चिकित्सा देखभाल प्राप्त हो सके।