लाइव न्यूज़ :

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए दो तीखे लाल मिर्च..!

By विकास मिश्रा | Updated: December 2, 2025 03:43 IST

मुहावरे की भाषा में इसे ट्रम्प के लिए दो तीखे लाल मिर्च कह सकते हैं! डोनाल्ड ट्रम्प को मिर्ची तो लगेगी!

Open in App
ठळक मुद्देपुतिन की भारत यात्रा करीब पांच साल बाद हो रही है. पुतिन पिछली बार 2021 में भारत आए थे.पुतिन और मोदी की मुलाकात हुई थी.

विश्व के कूटनीतिक पटल पर एक कहावत बड़ी तेजी से प्रचलित हो रही है कि डोनाल्ड ट्रम्प यदि किसी को दोस्त कहें तो उसे सतर्क हो जाना चाहिए! रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न जाने कितनी बार ट्रम्प ने अपना दोस्त कहा है लेकिन हकीकत यह है कि उतनी ही बार उन्होंने रूस और भारत की नकेल कसने की भी कोशिश की है. मगर ये दोनों ट्रम्प के लिए अब तक तीखे लाल मिर्च ही साबित हुए हैं. दोनों इसी सप्ताह दिल्ली में मिलने वाले हैं. मुहावरे की भाषा में इसे ट्रम्प के लिए दो तीखे लाल मिर्च कह सकते हैं! डोनाल्ड ट्रम्प को मिर्ची तो लगेगी!

पुतिन की भारत यात्रा करीब पांच साल बाद हो रही है. दोनों देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पुतिन पिछली बार 2021 में भारत आए थे. जुलाई 2024 में नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली रूस यात्रा की थी. फिर रूस में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के दौरान भी पुतिन और मोदी की मुलाकात हुई थी. हालिया मुलाकात चीन में हुई.

ट्रम्प और पुतिन को एक कार में काफी देर तक बैठे हुए, पूरी दुनिया ने देखा. इस बीच फोन पर भी समय-समय पर दोनों के बीच बातचीत होती रही है. दोनों ही नेता लगातार दुनिया को यह संदेश देते रहे हैं कि भारत और रूस की पारंपरिक दोस्ती को कोई ग्रहण नहीं लगा है. इस बीच डोनाल्ड ट्रम्प ऐसे कई बयान देते रहे जिससे भ्रम फैलाया जा सके कि भारत और रूस में दूरी बन रही है.

ट्रम्प ने तो यहां तक घोषणा कर दी कि नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि रूस से भारत तेल खरीदी बंद करने जा रहा है, प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लगेगा. मगर भारत ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. भारत ने बड़े सधे हुए अंदाज में कह दिया कि हम अपनी जरूरत के अनुसार निर्णय लेते हैं.

ट्रम्प ने दुनिया को यह बताने की कोशिश की कि भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखकर यूक्रेन युद्ध में रूस का साथ दिया है लेकिन जब भारत ने याद दिलाया कि रूस से यूरोप जितनी गैस खरीद रहा है, भारत की खरीदी तो उसकी तुलना में कुछ भी नहीं है तो किसी के पास जवाब नहीं था.

जब भारत ने पूछा कि खुद अमेरिका संशोधित यूरेनियम रूस से क्यों खरीद रहा है तो डोनाल्ड ट्रम्प ने बड़ी बेशर्मी से कह दिया कि उन्हें तो इसकी जानकारी नहीं है. क्या ऐसा संभव है कि अमेरिका के राष्ट्रपति को कोई जानकारी ही न हो? दुनिया को यह समझने में कोई परेशानी नहीं हुई कि ट्रम्प ने भारत पर जो 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया वह रूस से तेल खरीदने को लेकर नहीं लगाया बल्कि वे तो इस बात से नाराज थे कि भारत ने उनका यह झूठ स्वीकार नहीं किया कि पाकिस्तान के साथ जंग उन्होंने खत्म कराई! उन्हें लगता है कि भारत यदि उनके झूठ को सच मान लेता तो ट्रम्प को शांति का नोबल प्राइज मिल जाता!

नोबल पीस प्राइज के चक्कर में ही ट्रम्प ने यूक्रेन मामले को भी बड़े बेतरतीब तरीके से हल करने की कोशिश की. उन्होंने पुतिन को दोस्त कह कर बहलाया लेकिन उन्हें शायद यह अंदाजा ही नहीं था कि पुतिन क्या शख्सियत हैं! वे जासूसी की दुनिया के बड़े खिलाड़ी रहे हैं, वे ट्रम्प के वश में कहां से आ जाएंगे.

ट्रम्प ने चाल चली कि रूस को यूक्रेन का जीता हुआ हिस्सा मिल जाए और वहां पाया जाने वाला रेयर अर्थ मिनरल्स अमेरिका ले उड़े! मगर वे भूल गए कि पुतिन कच्ची गोलियां नहीं खेलते. ट्रम्प ने तो अपने बावलेपन में पूरे यूरोप का विश्वास खो दिया. अमेरिका के लिए यह दीर्घकालिक क्षति है. बल्कि अब तो अमेरिका में यह बात भी उठ रही है कि भारत को बड़ी मुश्किल से अमेरिकी खेमे के करीब लाया गया था, ट्रम्प ने उसे बहुत दूर कर दिया. विश्व राजनीति में यह ट्रम्प की बड़ी और गंभीर गलती मानी जा रही है.

मगर ट्रम्प की सोच का अपना दायरा है. वे पूरी दुनिया को अपने हिसाब से चलाना चाह रहे हैं. और यही उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हो रही है. आज कोई भी अमेरिका के साथ नहीं है. यहां तक कि यूरोप भी नहीं! विश्व राजनीति का विश्लेषण करने वाला हर व्यक्ति कह रहा है कि ट्रम्प क्या कर रहे हैं, उन्हें शायद खुद नहीं पता!

जहां तक पुतिन का सवाल है तो उन्होंने साबित कर दिया है कि ट्रम्प की हरकतों का रूस की सेहत पर कोई असर नहीं होने वाला है. ट्रम्प के बुलावे पर अलास्का पहुंच कर और ट्रम्प को टका सा जवाब देकर उन्होंने साबित कर दिया कि रूस आज भी दुनिया की बड़ी ताकत है. अमेरिका की चाल के आगे वह नहीं झुकेगा.

ट्रम्प अब यूक्रेन को लेकर समझौते का जो मसौदा लिए घूम रहे हैं, हकीकत यह है कि रूस उस पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है. इधर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी झुकने को तैयार नहीं हैं. बल्कि कहा तो यह जा रहा है कि ट्रम्प के कई फोन तो उन्होंने अटेंड ही नहीं किए! टैरिफ पर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत भी चल रही है लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने खेत अमेरिका को नहीं चरने देगा और मांस खाने वाले पशुओं का दूध भी अपने यहां नहीं बिकने देगा.

तनातनी के ऐसे माहौल में दिल्ली में पुतिन और नरेंद्र मोदी का मिलना बहुत महत्वपूर्ण है. उम्मीद है कि रक्षा मामलों पर बड़े समझौते हो सकते हैं. पुतिन की भारत यात्रा के पहले रूस के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा है कि ये यात्रा भव्य और कामयाब होगी! जाहिर सी बात है कि अमेरिका को यह सब पचने वाला नहीं है. ट्रम्प जरूर कोई नया दांव लेकर आएंगे. निश्चय ही उनकी प्रतिक्रिया बहुत कड़वी होगी लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है!

रामचरित मानस में एक पंक्ति है...

‘इहां कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं/ जे तरजनी देखि मरि जाहीं.’ यानी यहां कोई कुम्हड़े का कोमल कच्चा फल नहीं है जो कानी उंगली देख कर मुरझा जाए!  

टॅग्स :डोनाल्ड ट्रंपव्लादिमीर पुतिननरेंद्र मोदीरूसअमेरिका
Open in App

संबंधित खबरें

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

भारतPM Modi–Putin Private Dinner: मुगलई खाने से लेकर कश्मीरी क्लासिक्स तक, रूसी राष्ट्रपति को पिछली यात्राओं के दौरान क्या परोसा गया था

भारतVIDEO: पीएम मोदी और पुतिन दिल्ली एयरपोर्ट से मुंबई नंबर प्लेट वाली टोयोटा फॉर्च्यूनर में एक साथ बैठे

विश्व अधिक खबरें

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका

विश्व'इमरान खान ज़िंदा और ठीक हैं': पाकिस्तान के पूर्व पीएम की बहन ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मिलने के बाद दिया बयान | VIDEO

विश्वTrump Health Report: व्हाइट हाइस ने जारी किया राष्ट्रपति ट्रंप का एमआरआई स्कैन, जानें हेल्थ रिपोर्ट में क्या आया सामने