जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तानी ड्रोन ने 5.3 किलोग्राम हेरोइन गिराई, जिसका बाजार भाव करीब 25 करोड़ रुपए है. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बिदीपुर गांव से हेरोइन की यह खेप जब्त कर ली है लेकिन सवाल यह है कि ऐसा कब तक चलता रहेगा? यह कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तानी ड्रोन ने ड्रग तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया हो.
जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब, राजस्थान और पूर्वोत्तर के राज्यों के माध्यम से पाकिस्तान बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ भारत भेज रहा है. वह चाहता है कि भारतीय युवा नशे का शिकार हो जाएं. पंजाब में तो एक समय नशे का गंभीर संकट पैदा भी हो गया था लेकिन अब हालात में सुधार है. मगर सवाल यह है कि पाकिस्तान को कैसे रोका जाए? सितंबर 2025 में आई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट कहती है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन द्वारा नशीली दवाओं की तस्करी में वृद्धि हो रही है.
पंजाब में तो सरकार ने एंटी ड्रोन सिस्टम भी शुरू किया है ताकि देखते ही पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया जाए लेकिन पाकिस्तान के पास ऐसे चीनी ड्रोन की भरमार है जो अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए भारतीय क्षेत्र में अंदर तक घुस आते हैं और तय स्थान पर ड्रग्स गिरा कर वापस लौट जाते हैं. ड्रग तस्करों का लंबा जाल पंजाब से लेकर राजस्थान तक फैला हुआ है जो इस नशे को भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचा देते हैं. आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो साल में बीएसएफ ने 450 से ज्यादा ड्रोन पकड़े हैं.
200 ड्रोन्स तो इस साल के 9 महीनों में ही पकड़े जा चुके हैं. उसके पहले यानी 2024 में 250 से ज्यादा ड्रोन्स पकड़े गए थे. सबसे बड़ी चिंता की बात तो यह है कि न केवल ड्रग्स बल्कि हथियार भी इन ड्रोन्स के माध्यम से गिराए जा रहे हैं. पिछले नौ महीनों में 300 किलोग्राम हेरोइन के साथ ही 174 अत्याधुनिक हथियार और दस किलो से ज्यादा विस्फोटक भी ड्रोन के माध्यम से भारतीय सीमा में गिराए गए.
अब जरा अंदाजा लगाइए उन ड्रग्स, हथियारों और विस्फोटकों की मात्रा के बारे में जो सुरक्षा बल जब्त नहीं कर पाए होंगे. न केवल ड्रोन बल्कि ऊंटों का भी खूब इस्तेमाल किया जा रहा है. बीएसएफ ने इस साल अब तक 5 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया जबकि 16 गिरफ्तार हुए हैं. इतना ही नहीं 200 से ज्यादा भारतीय तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को पूरा करने की योजना में कुछ भारतीयों का भी साथ पाकिस्तान को मिल रहा है.
असली चुनौती यही है. मामला कितना भयानक होता जा रहा है, आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. 2023 में ड्रोन से ड्रग तस्करी के 28 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2024 में यह संख्या बढ़ कर 179 हो गई. इस गंभीर संकट को समाप्त करने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति की जरूरत है.
पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देनी होगी कि तुम ड्रग और हथियारों की तस्करी के लिए जितने ड्रोन भेजोगे, हम उतनी ही मिसाइलें तुम पर दागेंगे! यदि पाकिस्तान नहीं मानता है तो चेतावनी को अमलीजामा पहनाने में हमें देरी नहीं करनी चाहिए! पाकिस्तान हमारे खिलाफ छद्म युद्ध लड़ रहा है तो हमें भी उसका जवाब उसी तरह देना चाहिए जैसा जवाब युद्ध के दौरान दिया जाता है. भारतीय परंपरा में एक कहावत है कि लातों के भूत, बातों से नहीं मानते! पाकिस्तान ऐसा ही है!