डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: पाकिस्तान की हार और तालिबान की खुशी

By विजय दर्डा | Published: October 30, 2023 06:46 AM2023-10-30T06:46:59+5:302023-10-30T06:53:28+5:30

आईसीसी वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान की टीम ने पाकिस्तान को हरा दिया। इस जीत के साथ ही अफगानिस्तान में काबुल और खोस्त सहित तमाम शहरों और कस्बों में जश्न मनाया जाने लगा। जीत में जश्न स्वाभाविक है लेकिन यह जश्न ऐसा था जैसे दुश्मन पर फतह पा ली हो!

Dr. Vijay Darda's blog: Pakistan's defeat and Taliban's happiness | डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: पाकिस्तान की हार और तालिबान की खुशी

डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: पाकिस्तान की हार और तालिबान की खुशी

Highlightsआईसीसी वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान की टीम ने पाकिस्तान को आठ विकेट से हरा दियाअफगानिस्तान की इस जीत पर काबुल और खोस्त सहित तमाम शहरों में जश्न मनाया गयातालिबान ने भी जीत के जश्न में सड़कों पर हवाई फायरिंग की, लोग सड़कों पर मस्ती में झूमने लगे

किसी ने शायद ही यह उम्मीद की हो कि आईसीसी वर्ल्ड कप में सबसे कमजोर मानी जा रही अफगानिस्तान की टीम पाकिस्तान को हरा देगी! लेकिन इंग्लैंड को हराने के बाद अफगानिस्तान की टीम उत्साह से इतनी लबरेज थी कि पाकिस्तान को आठ विकेट से हरा दिया।

इस जीत के साथ ही अफगानिस्तान में काबुल और खोस्त सहित तमाम शहरों और कस्बों में जश्न मनाया जाने लगा। जीत में जश्न स्वाभाविक है लेकिन यह जश्न ऐसा था जैसे दुश्मन पर फतह पा ली हो! तालिबान ने जीत के जश्न में सड़कों पर हवाई फायरिंग की और लोग सड़कों पर आकर मस्ती में झूमने लगे।

वाकई अफगानिस्तान यह जीत दुश्मन पर फतह के रूप में ही देख रहा था। इसका प्रमाण भी तत्काल सामने आ गया। मैच में 87 रन बनाने वाले अफगानिस्तान के इब्राहिम जादरान जब प्लेयर ऑफ द मैच की ट्रॉफी लेने आए तो उन्होंने कहा कि मैं यह मैन ऑफ द मैच उन अफगान शरणार्थियों को समर्पित करता हूं, जिन्हें पाकिस्तान से जबरन निकाला जा रहा है।

जादरान का यह बयान पाकिस्तान के मुंह पर करारे थप्पड़ की तरह था। ऐसे बयान की उम्मीद पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं की होगी।

दरअसल पाकिस्तान में करीब 17 लाख अफगान शरणार्थी हैं जिन्हें पाकिस्तान की सरकार ने एक नवंबर तक मुल्क छोड़ने का आदेश दिया है। पाकिस्तान के इस हुक्म की न केवल अफगानिस्तान बल्कि दूसरे मुल्कों ने भी आलोचना की है। इतनी जल्दी इतने सारे लोग अफगानिस्तान कैसे लौट सकते हैं और वहां जाकर करेंगे क्या? इन शरणार्थियों के समक्ष रोटी का संकट पैदा हो जाएगा!

अफगानिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ पैदा हुए गुस्से और नफरत को काबुल पुलिस के ट्वीट से भी समझा जा सकता है। उस ट्वीट में लिखा गया था कि अफगानिस्तान की इस जीत का कुछ लोगों के लिए खास संदेश है। हम आगे बढ़ रहे हैं। हमें देखो मगर हमें परेशान मत करो। ट्वीट में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया लेकिन किसी को समझने में दिक्कत नहीं हुई कि काबुल पुलिस का ट्वीट किसी और के लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए है।

तालिबान सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ के एक्स अकाउंट से भी अफगान क्रिकेट टीम को मुबारकबाद दी गई। यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी बधाई देने में पीछे नहीं रहे।

पराजय से पाकिस्तानियों का बौखलाना स्वाभाविक है लेकिन पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने मरहम लगाने की कोशिश की और कहा कि अफगानिस्तानी हमारे भाई हैं और हमने भाइयों से मार खाई है। लेकिन सवाल यह है कि कोई भी अफगानी पाकिस्तानियों को भाई मानने को तैयार कहां है?

हकीकत तो यह है कि अफगानिस्तान के लोग पाकिस्तान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन और भारत को सच्चा दोस्त मानते हैं। आपको याद होगा कि पाकिस्तान को हराने के तत्काल बाद मैदान पर अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर राशिद खान भारत के पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान के साथ डांस करने लगे थे।

इस तस्वीर को तालिबान से जुड़े एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा- ‘भारत का एक पठान, अफगानिस्तान के एक पठान के साथ पाकिस्तान पर जीत का साथ में जश्न मनाता हुआ। पूरे टूर्नामेंट में अफगानिस्तान का समर्थन करने के लिए भारत को बहुत शुक्रिया। पाकिस्तान के खिलाफ और भारत की प्रशंसा वाले और भी कई ट्वीट किए गए।

इस वक्त की वास्तविकता यह है कि अफगानिस्तान में भी पाक की कलई खुल चुकी है। वहां के आम लोग तो हमेशा ही यह मानते रहे हैं कि उनकी तबाही के पीछे पाकिस्तान का हाथ रहा है लेकिन अब तालिबान भी पाकिस्तान की चालबाजियां समझ गया है।

वह तालिबान का समर्थन करने का बस दिखावा करता रहा। उसे इस बात का पूरा एहसास है कि पैसों के लालच में पाकिस्तान ने अमेरिकियों की खूब मदद की। यहां तक कि जब अमेरिका अफगानिस्तान से लौट रहा था तब भी वह काफी दिनों तक पाकिस्तान में रुका रहा और आज भी कभी जरूरत पड़ी तो पाक हर हाल में अमेरिका का ही साथ देगा।

दूसरी बात जो तालिबानियों को समझ में आ चुकी है कि इस वक्त पाकिस्तान की माली हालत ऐसी है कि वह अपनी रोटी के लिए तरस रहा है तो दूसरों की क्या मदद करेगा? दूसरी ओर भारत है जिसने न केवल वहां की संसद बनाई बल्कि कई बड़े बांध बनाए, अस्पताल खोले और वो सारे काम किए जिससे आम अफगानियों को फायदा पहुंचे। भारत ने भले ही तालिबान को मान्यता नहीं दी है लेकिन आम अफगानियों के लिए रसद और दवाइयां पहुंचाने में कभी पीछे नहीं रहा।

तालिबान जानता है कि सीमा के कुछ हिस्से को पाकिस्तान हड़पना चाहता है। इसीलिए तालिबान पाकिस्तान के भीतर तहरीक-ए-तालिबान की मदद कर रहा है ताकि पाकिस्तान को औकात दिखाई जा सके। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर अफगानिस्तान को अपने पॉकेट में रखने की चाल चल रहा था लेकिन दोनों के बीच दुश्मनी गहरी हो चुकी है।

दुश्मनी के ऐसे दौर में अफगानियों ने पाकिस्तान को हरा दिया तो जश्न स्वाभाविक है। मैं तो तालिबान से गुजारिश करूंगा कि लड़कियों को भी खेल के मैदान में जौहर दिखाने और जिंदगी में आगे बढ़ने का मौका दें। अफगानी लड़कियां भी कमाल कर सकती हैं जैसे वहां के लड़कों ने किया है।

Web Title: Dr. Vijay Darda's blog: Pakistan's defeat and Taliban's happiness

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