लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: मालदीव-भारत के द्विपक्षीय रिश्तों में सकारात्मकता जरूरी

By शोभना जैन | Updated: November 21, 2023 13:34 IST

मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में चीन की समर्थक मानी जाने वाली ‘प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव’ के मोहम्मद मुइज्जू की जीत हिंद महासागर क्षेत्र के लिए खासतौर पर भारत के लिए खासी अहम है।

Open in App
ठळक मुद्देमालदीव की नई सरकार चीन की समर्थक मानी जाती है, जो भारत के लिए चिंता का विषय हैचीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू की मालदीव में जीत भारत के लिए बेहद अहम हैमुइज्जू की पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान में ‘भारत विरोध’ और ‘इंडिया आउट’ पर जोर दिया गया था

मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा हाल ही में राष्ट्रपति का कार्यकाल संभालते ही भारत से वहां तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के आग्रह के पीछे विदेशी मामलों में अपनी स्वायत्तता बनाए रखने की दलील दी जा रही है लेकिन यह बात स्पष्ट है कि मालदीव की नई सरकार का यह कदम हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है जिसके बड़े भूराजनैतिक मायने हैं।

रणनीति की दृष्टि से अहम मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में चीन की समर्थक मानी जाने वाली ‘प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव’ के मोहम्मद मुइज्जू की जीत हिंद महासागर क्षेत्र के लिए खासतौर पर भारत के लिए खासी अहम है।

मुइज्जू की पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान में ‘भारत विरोध’ और ‘इंडिया आउट’ पर जोर दिया गया और वे मालदीव की ‘स्वतंत्रता की बहाली’ की बात करते रहे हैं, जिसका आशय मालदीव से भारतीय सैन्य मौजूदगी को हटाना और भारत को व्यापार के लिए ज्यादा तरजीह नहीं दिया जाना ही था। ऐसे में साफ था कि अगर उनका दल चुनाव जीत जाता है तो उनकी प्रमुखता चीन के प्रति झुकाव की रहेगी।

चीन वहां अपनी नौसेना को तेजी से बढ़ा रहा है और वो मालदीव में अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास करता रहा है। मालदीव में उसने भारी निवेश किया है, बड़ी-बड़ी परियोजनाओं के जरिए उसे ऋण जाल में फंसा रखा है।

भारत हमेशा से मालदीव में चीन के प्रभाव को सीमित करने के प्रयास करता रहा है। दोनों ही देशों का वहां भारी निवेश है ऐसी स्थिति में नई सरकार द्वारा वहां तैनात लगभग 77 भारतीय सैनिकों को वापस भेजने की मांग करना और भारत के साथ हुए लगभग 100 सौदों पर पुनर्विचार करने का फैसला निश्चित तौर पर सकारात्मक नहीं कहा जा सकता है।

गौरतलब है कि चीन के कर्ज के जाल में फंसे मालदीव में लगभग 77 भारतीय सैन्यकर्मी मौजूद हैं जो कि वहां सेना के साथ मालदीव के आर्थिक क्षेत्र की निगरानी, समुद्री सीमा की देखरेख के लिए रडार और टोही विमानों की देखरेख के लिए तैनात हैं, साथ ही वहां दो हेलिकॉप्टर तथा मालदीव राष्ट्रीय सुरक्षा बल को दिए गए विमान आपातकालीन स्थितियों में मालदीव के लोगों के बचाव कार्यों और वहां दवाएं पहुंचाने के लिए तैनात हैं।

मुइज्जू ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में गए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजु से भारतीय सैनिकों को वहां से हटाने की औपचारिक रूप से मांग की। अलबत्ता इसके साथ ही उनके कार्यालय द्वारा जारी बयान में मुइज्जू ने यह भी माना कि भारत ने मालदीव को जो दो हेलिकॉप्टर दिए थे उन्हें जरूरत के अनुसार राहत कार्य में लगाया जा रहा है और कई अभियानों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

टॅग्स :मालदीवभारतचीनExternal Affairs Ministry
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका