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ब्लॉग: हरित निवेश करेगा पर्यटन उद्योग को मजबूत

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: September 27, 2023 10:28 IST

हर वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 1980 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। यह दिवस पर्यटन के महत्व और इसके सकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

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ठळक मुद्दे विश्व पर्यटन दिवस हर वर्ष 27 सितंबर को मनाया जाता हैविश्व पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत साल 1980 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थीयह दिवस पर्यटन के महत्व, इसके सकारात्मक प्रभावों के जागरूकता को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है

हर वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 1980 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। यह दिवस पर्यटन के महत्व और इसके सकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

इस साल 2023 में विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘पर्यटन और हरित निवेश’ है। यह थीम पर्यटन को एक टिकाऊ और सतत आर्थिक गतिविधि के रूप में बढ़ावा देने के लिए हरित निवेश के महत्व पर प्रकाश डालती है।

दरअसल पर्यटन एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, जिससे रोजगार पैदा होता है, विकास को बढ़ावा मिलता है और संस्कृतियों के बीच समझ को विकसित होने का मौका मिलता है। हालांकि पर्यटन पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

हरित निवेश पर्यटन को अधिक टिकाऊ बनाने में मदद कर सकता है, जिससे यह एक अधिक जिम्मेदार व स्थाई आर्थिक गतिविधि बन सकती है। विश्व पर्यटन संगठन द्वारा साल 2023 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए कुछ प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जैसे पर्यटन और हरित निवेश के बीच संबंधों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, पर्यटन उद्योग में हरित प्रथाओं को बढ़ावा देना, पर्यटन के लिए एक अधिक टिकाऊ भविष्य का निर्माण करना।

विश्व पर्यटन दिवस पर दुनिया भर के देशों में पर्यटन के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पर्यटन और हरित निवेश दोनों ही आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। जहां एक ओर पर्यटन रोजगार पैदा करता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है वहीं दूसरी ओर हरित निवेश नई प्रौद्योगिकियों और विकास के अवसरों को जन्म दे सकता है।

इस तरह पर्यटन को अधिक टिकाऊ बनाने में हरित निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका है। हरित निवेश पर्यटन को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए कई तरह से योगदान दे सकता है। जैसे, पर्यटन स्थलों और उनकी गतिविधियों में हरित निवेश ऊर्जा दक्षता में सुधार करने के लिए किया जा सकता है।

इससे ऊर्जा की खपत कम होगी और पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ेगा। हरित निवेश पर्यटन स्थलों में पानी की बचत के लिए किया जा सकता है। इससे पानी की कमी की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी। 

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