डॉ. एस.एस. मंठा का ब्लॉग: तकनीकी विकास के लाभ-हानि

By डॉ एसएस मंठा | Published: August 14, 2019 06:03 AM2019-08-14T06:03:22+5:302019-08-14T06:03:22+5:30

कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मानव जीवन को काफी आसान बनाया है और कार्यक्षमता में वृद्धि की है. लेकिन क्या वह मनुष्य के दिमाग का स्थान ले सकती है?

Advantages and disadvantages of technological development | डॉ. एस.एस. मंठा का ब्लॉग: तकनीकी विकास के लाभ-हानि

प्रतीकात्मक फोटो: freepik.com

Highlightsडिजिटाइजेशन के पहले दौर में कम्प्यूटिंग, ब्राडबैंड और मोबाइल फोन का समावेश था.उद्योगों में ऑटोमेशन से रोजगार क्षेत्र प्रभावित हो रहा है.रोजगार के अवसर बढ़ने की जगह कम हो रहे हैं.

क्या यह हमारा सौभाग्य है कि हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जो स्काइप, मल्टी-टच टैबलेट्स, मोबाइल ऐप्स, 3डी प्रिंटर और ड्रोन जैसी नई तकनीकों से भरी है? ये सब हमारे जीवन का अंग बन चुके हैं. बहुत से कामों में आज मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं रह गई है, जिसमें डिशवाशर और ड्राइवर बिना चलने वाले वाहनों का समावेश है. 

भविष्य में तकनीकी विकास और बढ़ेगा ही, जिससे  मानवीय जीवन में उनका दखल बढ़ेगा. मशीन लर्निग जैसी तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी नई तकनीकों के बारे में हम सुन ही रहे हैं. हम एक डिजिटल दुनिया में रहते हैं जो कि स्मार्ट है. 

स्मार्ट सिटीज, स्मार्ट हेल्थकेयर, स्मार्ट वाच, स्मार्ट टीवी, स्मार्ट फूड, स्मार्ट जिम, स्मार्ट लर्निग की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं और स्मार्ट चीजों से घिरते जा रहे हैं. लेकिन यह भी लगता है कि मशीनों से निर्मित कृत्रिम व्यवस्था से हमारी नैसर्गिक बुद्धिमत्ता और परंपरा से हासिल बौद्धिक सम्पदा का ह्रास होता जा रहा है. मानव जाति के भविष्य के लिए यह ठीक है या नहीं, यह बहस का विषय है.

कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मानव जीवन को काफी आसान बनाया है और कार्यक्षमता में वृद्धि की है. लेकिन क्या वह मनुष्य के दिमाग का स्थान ले सकती है? कृत्रिम बुद्धिमत्ता के द्वारा क्या प्रेम और तिरस्कार की भावना व्यक्त की जा सकती है? अच्छे और बुरे का भेद क्या कृत्रिम बुद्धिमत्ता कर सकती है? हमें इस पर विचार करना चाहिए कि कहीं यह जोखिम भरी तो साबित नहीं होगी. 

मानवीय संस्कृति का निर्माण मानवीय बुद्धिमत्ता के जरिए हुआ है. मानवीय बुद्धि को अगर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए बढ़ाया जा सके तो मानवीय संस्कृति का विकास अकल्पनीय ढंग से हो सकता है. लेकिन अगर कहीं इसका उल्टा हो गया और वह विध्वंसक बन गई तो?

डिजिटाइजेशन के पहले दौर में कम्प्यूटिंग, ब्राडबैंड और मोबाइल फोन का समावेश था. इसका लाभ आर्थिक विकास के रूप में मिला. दूसरे दौर में इंटरनेट इंफार्मेशन सर्च, इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स, डिस्टेंट एजुकेशन आदि का समावेश था. अब तीसरा दौर स्मार्ट दुनिया का है.

हालांकि इससे उत्पादन में वृद्धि हो रही है और सार्वजनिक सेवा अधिक कार्यक्षम हो रही है, लेकिन उद्योगों में ऑटोमेशन से रोजगार क्षेत्र प्रभावित हो रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ने की जगह कम हो रहे हैं. डिजिटाइजेशन अच्छी बात है लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि इससे सबको फायदा हो.

Web Title: Advantages and disadvantages of technological development

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