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नरेंद्र कौर छाबड़ा का ब्लॉग: आनंद, उल्लास बिखेरती है बसंत पंचमी

By नरेंद्र कौर छाबड़ा | Updated: January 30, 2020 08:17 IST

इसी दिन ज्ञान व विद्या की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था. मान्यता है कि इस दिन अगर कोई छात्र मां सरस्वती की आराधना करता है तो उसे मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त हो जाती है.

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भारतवर्ष में मनाया जाने वाला विशेष पर्व है बसंत पंचमी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है. इसी दिन से वसंत ऋतु का आरंभ होता है. सभी ऋतुओं में वसंत को श्रेष्ठ माना गया है. इसलिए इसे ऋतुराज की संज्ञा दी गई है.

इस दिन बिना कोई मुहूर्त देखे अच्छे कार्य की शुरुआत की जा सकती है. अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन खूब शादियां होती हैं. गृह प्रवेश, नए व्यापार का शुभारंभ, सोने-चांदी की खरीददारी करने के लिए भी यह दिन श्रेष्ठ माना गया है. इसी दिन ज्ञान व विद्या की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था. मान्यता है कि इस दिन अगर कोई छात्र मां सरस्वती की आराधना करता है तो उसे मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त हो जाती है. विद्या और बुद्धि की प्राप्ति के लिए सरस्वती पूजा का विशेष महत्व माना गया है. कई जगह लेखनी और ग्रंथों की पूजा भी की जाती है.

मां सरस्वती को शारदा, वीणावादिनी, भगवती बागीश्वरी, वाग्देवी इत्यादि नामों से भी जाना जाता है. संगीत की उत्पत्ति करने के कारण वह संगीत की देवी भी हैं. पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने सरस्वती जी से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी आराधना की जाएगी. इस दिन पीले वस्त्र पहनने, हल्दी से सरस्वती का पूजन करने का भी विधान है. पीला रंग इस बात का संकेत है कि फसल पकने वाली है. पीला रंग समृद्धि का सूचक भी माना जाता है. मां सरस्वती के मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं.

इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का महत्व भी माना जाता है. इस दिन के साथ कवि कालिदास के जीवन की घटना भी जुड़ी है. पौराणिक कथा के अनुसार कालिदास की राजकुमारी पत्नी को जब पता लगा कि धोखे से उसकी शादी एक मूर्ख के साथ कर दी गई है, तो उसने कालिदास को धक्का मार घर से बाहर कर दिया. दु:खी कालिदास आत्महत्या करने के लिए जा रहे थे तभी देवी सरस्वती प्रकट हुर्इं और उन्हें पानी में डुबकी लगाने के लिए कहा. कालिदास ने डुबकी लगाई और उनका जीवन बदल गया. उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह कविताएं लिखकर महान कवि बन गए.वसंत ऋतु उल्लास, मस्ती, आनंद की ऋतु है तथा सब प्रकार से निर्दोष है.

टॅग्स :बसंत पंचमीइंडियालोकमत हिंदी समाचार
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