लाइव न्यूज़ :

BLOG: दिल्ली में कांग्रेस-केजरीवाल गठबंधन की पहेली

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: June 29, 2018 03:41 IST

वर्ष 2009, 2011, 2013, 2015 और 2017 के वाइब्रेंट गुजरात ब्रोशर में स्टर्लिग बायोटेक की गुजरात के फार्मा और जैव प्रौद्योगिकी नीतियों की सफलता के बारे में जानकारी दी गई थी।  

Open in App

हरीश गुप्ता

नई दिल्ली, 29 जून: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की समविचारी पार्टियों के साथ गठबंधन या सीटों का समायोजन करने की योजना में प.बंगाल, आंध्र प्रदेश और दिल्ली बाधा बनकर खड़े हैं। जबकि शेष राज्यों में वार्ता सुचारु रूप से चल रही है क्योंकि तीन वरिष्ठ नेता - गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और कमलनाथ - समझौते के लिए दिनरात मेहनत कर रहे हैं। बसपा के साथ बातचीत की प्रगति धीमी है, लेकिन सही दिशा में है क्योंकि कांग्रेस के साथ मायावती अखिल भारतीय स्तर पर गठबंधन चाहती हैं।  

कमलनाथ जोर दे रहे हैं कि गठबंधन राज्य-दर-राज्य होना चाहिए क्योंकि हर राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग-अलग है।  वे चाहते हैं कि अन्य राज्यों में अन्य दलों से गठबंधन के बावजूद मायावती साथ में आएं।  लेकिन बड़ी समस्या दिल्ली में है जहां लोकसभा की सात सीटें हैं।  शीला दीक्षित और अजय माकन के साथ कटु संबंधों के बावजूद ‘आप’ सीटों के समायोजन के लिए उत्सुक है।  यदि सूत्रों पर विश्वास करें तो आप अजय माकन के लिए नई दिल्ली, संदीप दीक्षित के लिए पूर्वी दिल्ली और बाहरी दिल्ली सीट कांग्रेस की पसंद के किसी अन्य उम्मीदवार को देने के लिए तैयार है।  

आप का तर्क है कि अगर वहां कांग्रेस, भाजपा, आप और बसपा के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला होता है तो निश्चित रूप से भाजपा सातों सीटें हासिल कर लेगी।  अब गेंद राहुल गांधी के पाले में है।  इसी प्रकार, प।  बंगाल में कांग्रेस दुविधा में है कि ममता बनर्जी के साथ जाए या माकपा के।  ममता बनर्जी के साथ अहमद पटेल की बैठक का कोई परिणाम नहीं निकला है।  गंभीर समस्या आंध्र प्रदेश में विद्यमान है, जहां कांग्रेस सहयोगी खोजने के लिए संघर्ष कर रही है।  जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस की अपनी समस्याएं हैं और वह कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं चाहती है।   

सीबीआई की चुप्पी 

बैंकों को धोखा देने वाले विजय माल्या का मामला तो खूब उछला, लेकिन इस तथ्य के बावजूद कि संदेसरा बंधु नाइजीरिया भाग गए हैं, स्टर्लिग बायोटेक मामले में सीबीआई की चुप्पी पहेली बनी हुई है।  विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी और कई अन्य लोगों की तरह वे अपने परिवार के प्रमुख सदस्यों के साथ आराम से पलायन कर गए।  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भले ही दावा किया हो कि पांच हजार करोड़ रु।  के धोखाधड़ी मामले में उनकी 4700 करोड़ रु।  से अधिक की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है, लेकिन मामला दर्ज हुए एक साल का समय बीतने के बावजूद सीबीआई के अधिकारियों की चुप्पी हैरान करने वाली है।  जबकि पी।  चिदंबरम, लालू प्रसाद यादव, रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ दर्ज मामलों की तत्परता से जांच की जा रही है।  यह मामला 2011 में सामने आया था जब स्टर्लिग बायोटेक के वडोदरा परिसर से आयकर अधिकारियों ने एक ‘डायरी’ जब्त की थी, जिसमें कुछ आयकर अधिकारियों, राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों को किए गए भुगतान का ब्यौरा था, जिसमें गुजरात कैडर के एक आईपीएस अधिकारी का भी नाम था, जो अब सीबीआई के एक विशेष निदेशक हैं।   

सीबीआई के 11 पन्ने के आरोपपत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के दामाद का भी नाम है।  पटेल के सहयोगियों पर कुछ छापे भी मारे गए थे।  दावा किया गया था कि कांग्रेस नेता और स्टर्लिग बायोटेक समूह के मालिकों के बीच संबंध होने के सबूत मिले हैं।  लेकिन सूत्रों का कहना है कि जांच अटक गई है क्योंकि सीबीआई को इसके सबूत नहीं मिल पा रहे हैं कि यूपीए सरकार ने स्टर्लिग समूह के साथ कोई पक्षपात किया था।  इसके विपरीत, यह तथ्य सामने आया है कि जून 2004 से गुजरात में भाजपा के शासनकाल में ही समूह ने भारी तरक्की की।  उसे  दाहेज बंदरगाह के विकास का ठेका दिया गया और 150 एकड़ भूमि प्रदान की गई।  गुजरात सरकार ने जनवरी 2017 में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन का आयोजन करने में उसकी मदद ली।  नवंबर 2008 में गुजरात के शीर्ष भाजपा नेताओं के नेतृत्व में सरकारी अधिकारियों के जिस दल ने युगांडा और कीनिया की यात्र की थी, उसमें स्टर्लिग बायोटेक के चेयरमैन नितिन संदेसरा भी शामिल थे, जो कि वर्तमान में फरार हैं।  

ये भी पढ़ें: झारखंडः पत्थलगड़ी विवाद के बाद उत्पन्न हुआ तनाव, पुलिस के डर से गांव खाली कर भागे ग्रामीण 

वर्ष 2009, 2011, 2013, 2015 और 2017 के वाइब्रेंट गुजरात ब्रोशर में स्टर्लिग बायोटेक की गुजरात के फार्मा और जैव प्रौद्योगिकी नीतियों की सफलता के बारे में जानकारी दी गई थी।  स्टर्लिग को जंबुसर में सेज विकसित करने के लिए 3000 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी।  गुजरात सरकार ने समूह द्वारा कर्ज अदायगी नहीं किए जाने की बैंकों की शिकायत के बावजूद अतिरिक्त 6000 एकड़ जमीन आवंटित की थी।   स्टर्लिग सेज गुजरात सरकार द्वारा दी गई 9000 एकड़ जमीन पर काबिज था।  पता चला है कि इस मामले में लीपापोती करने के लिए आगामी हफ्तों में कुछ ‘कार्रवाई’ की जा सकती है।   

ये भी पढ़ें: सर्जिकल स्ट्राइक घमासान पर कुमार विश्वास का वीडियो, 'फर्जी राष्ट्रवादियों' के लिए सुनाया चाणक्य का ये किस्सा

डिजिटल इंडिया अधर में

31 जनवरी को टीसीए अनंत के मुख्य सांख्यिकी अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद से, सरकार उनके स्थानापन्न को खोज पाने में विफल रही है।  बिना बॉस के ही सीएसओ ने पिछले महीने आंकड़े जारी किए जिसमें दिखाया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपना स्थान फिर से हासिल कर लिया है। अर्थव्यवस्था के जो आंकड़े प्रधानमंत्री कार्यालय को उससे मिल रहे थे उससे वह नाखुश था।  

भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में अविश्वसनीय आंकड़ों, जानकारी की स्थिति को नहीं सुधार पाने के कारण विभाग की प्रतिष्ठा दांव पर है।  1.3 अरब की आबादी और 2.3 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की समय पर सटीक जानकारी इकट्ठा करने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की जरूरत है। अगले आम चुनाव में अब जबकि कुछ महीने ही शेष रह गए हैं, इस तरह के आंकड़ों की बारीकी से जांच होती है, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को इससे रोजगार निर्माण और उससे संबंधित मापदंडों के बारे में सवाल उठाने का मौका मिलता है।  इसलिए आंकड़ेवारी की नई पद्धति तैयार करने पर भी विचार किया जा रहा है।  पता चला है कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस काम के लिए बाहर से एक विशेषज्ञ लाने की तलाश में है जो विश्वसनीय आर्थिक डाटा इकट्ठा करने में सक्षम हो, जो कि काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है।  

लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें।

टॅग्स :राहुल गाँधीअरविन्द केजरीवालआम आदमी पार्टीकांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबीएमसी चुनावः राज ठाकरे को लेकर कांग्रेस में दुविधा, अकेले लड़ने की घोषणा, महायुति गठबंधन की राह आसान, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के सामने संकट?

ज़रा हटकेबिजली कटौती से लोग परेशान, खंभों पर चढ़कर कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने अधिकारियों के कनेक्शन काटे, वीडियो

भारतकुलदीप सिंह सेंगर को जमानत, उन्नाव बलात्कार पीड़िता की सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात, कांग्रेस नेता ने लिखा-क्या एक गैंगरेप पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार उचित है?

भारतकौन हैं महादेव जानकर?, कांग्रेस ने महानगर पालिका और जिला परिषद चुनावों के लिए किया गठजोड़, कौन कितने सीट पर लड़ेगा

ज़रा हटकेVIRAL: प्रियंका–राहुल का रिश्ता मिश्री जैसा, सांसद पप्पू यादव का बयान

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा