झारखंडः पत्थलगड़ी विवाद के बाद उत्पन्न हुआ तनाव, पुलिस के डर से गांव खाली कर भागे ग्रामीण
By एस पी सिन्हा | Published: June 28, 2018 08:27 PM2018-06-28T20:27:43+5:302018-06-28T20:27:43+5:30
बताया जा रहा है कि वहां हर किसी को डर सता रहा है कि कहीं पुलिस गिरफ्तार न कर ले। एक युवक सामू मुंडा ने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है। ऑटो चलाता है। पुलिस के सर्च ऑपरेशन की वजह से उसका रोजगार चौपट हो गया है।
रांची, 28 जूनः झारखंड की राजधानी रांची से करीब चालीस किलोमीटर दूर खूंटी में पत्थलगड़ी विवाद के बाद पुलिस और पत्थलगड़ी समर्थकों के बीच उत्पन्न तनाव के बीच घाघरा गांव पूरी तरह से खाली हो गया है। घरों में ताले लटक गए हैं। सभी लोग गांव छोड़कर भाग गए हैं। पुलिस और पत्थलगड़ी समर्थकों के बीच तकरार की वजह से हालात ऐसे हो गए हैं कि जो जहां है वहीं जम-सा गया है। कोई न गांव से बाहर जा पा रहा है न बाहर से गांव आने की हिम्मत जुटा रहा है।
बताया जा रहा है कि वहां हर किसी को डर सता रहा है कि कहीं पुलिस गिरफ्तार न कर ले। एक युवक सामू मुंडा ने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है। ऑटो चलाता है। पुलिस के सर्च ऑपरेशन की वजह से उसका रोजगार चौपट हो गया है। गांव से निकलकर कहीं जा नहीं सकता। डर है कि पुलिस गिरफ्तार न कर ले। गांव में एक चापाकल है। ठीक से पानी नहीं आता। वहीं, बारूडीह पंचायत में कोई अस्पताल भी नहीं है। यदि कोई बीमार पडॉ जाएं तो उसका इलाज हो पाना मुश्किल है।
बताया जा रहा है कि इलाज के लिए लोगों को खूंटी ही जाना पड़ता है। बारूडीह में बच्चे सिर्फ पाचवीं तक की पढ़ाई कर सकते हैं। पांचवीं से आगे की पढ़ाई के लिए अनिगडा जाना पड़ता है। बच्चे इस स्थिति में भी स्कूल जा रहे हैं।
प्रखंड कल्याण पदाधिकारी से रिटायर्ड हुए मसीदाय मुंडू हिंदी, अंग्रेजी और मुंडारी भाषा जानते हैं। कहते हैं कि पहले राजा-महाराजाओं ने काम नहीं किया। कडिया मुंडा ने भी कोई काम नहीं किया। मंडू कहते हैं कि आदिवासियों के कल्याण के लिए उनकी उन्नति के लिए किसी सरकार ने कोई काम नहीं किया।
खूंटी में अपहृत जवानों की तलाशी जारी है। इस सिलसिले में गुरुवार सुबह पुलिस की टीम ने पत्थलगड़ी नेता यूसुफ पूर्ति के गांव उदबुरू में सर्च अभियान चलाया। एक-एक घर को खंगाला गया, लेकिन अगवा जवान नहीं मिले। सर्च के दौरान घरों में रखे हुए तीर-धनुष समेत परंपरागत हथियारों को पुलिस ने जब्त कर लिया।
खूंटी एपी अश्विनी सिन्हा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि अपहृत तीनों जवानों को उदबुरू और पास के गांव जिगिलता में रखा गया है। उसी सूचना पर छापेमारी की गई। बतौर एसपी जवानों को जल्द से जल्द रिहा कराने की कोशिश जारी है। एसपी के मुताबिक ये सारी कार्रवाई अपहृत जवान और गैंगरेप की घटना के मद्देनजर हो रही है।
अतिरिक्त पुलिसबल मंगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बड़े अधिकारी इस पर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल अगवा जवानों की तलाशी के लिए 20 से ज्यादा प्लाटून को खूंटी में तैनात किया गया है। पुलिस की कार्रवाई के डर से पत्थलगड़ी समर्थक गांव छोड़कर भाग गए हैं। उदबुरू में छापेमारी के दौरान पूरे गांव में एक बच्चा तक नजर नहीं आया।
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