दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बात पर अगर यकीन किया जाए तो उनके पास जनता से किए वादे पूरे करने के लिए ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां हैं. असल में केजरीवाल सरकार के तीन साल पूरे होने पर एक टीवी ऐड में केजरीवाल यह दावा करते नजर आने वाले थे. लेकिन खबरों के मुताबिक दिल्ली सरकार का यह ऐड लालफीताशाही में ऐसा उलझा की केजरीवाल ने माथा पकड़ लिया.
इसी बीच दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में आम आदमी पार्टी के कुछ विधायकों पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया और FIR दर्ज कराई. हालांकि सीएम केजरीवाल के दफ्तर ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है. बैठक में जो कुछ भी हुआ सीएम की मौजूदगी में हुआ, जिसकी वजह से दिल्ली सरकार को विपक्ष का तगड़ा विरोध भी झेलना पड़ रहा है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने केजरीवाल से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं तो दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ट्वीट करते हुए इस घटनाक्रम को शर्मनाक बताया और इसे शहरी नक्सलवाद करार दे दिया.
मामले की पड़ताल करने पर दो तरह की बातें सामने आई, पहली मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के मुताबिक मुख्यमंत्री आवास पर उन्हें सोमवार रात 12 बजे बैठक के लिए बुलाया गया जिसका एजेंडा केजरीवाल सरकार के तीन साल पूरे होने पर टीवी विज्ञापन जारी करने को लेकर था, जबकि आप विधायकों का कहना है कि बैठक दिल्ली में राशन कार्ड वितरण में अनियमितताओं को लेकर बुलाई गई थी.
दरअसल आप सरकार और दिल्ली सरकार के अफसरों के बीच तकरार की एक वजह सरकार के 3 साल पूरे होने के मौके पर तैयार किया गया टीवी ऐड भी है, ऐड में केजरीवाल का संदेश है कि 'जब आप सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं', सीएम केजरीवाल के संदेश वाले इस ऐड को लेकर दिल्ली सचिवालय में अजीब हालात बन गए हैं.
खबरों के मुताबिक दिल्ली के लोगों तक मुख्यमंत्री का यह संदेश पहुंचाना दिल्ली सरकार के अफसरों को नागवार गुजर रहा है, अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए ऐड को हरी झंडी नहीं दी है, तो वहीं आम आदमी पार्टी की सरकार का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देकर सीएम के इस संदेश को अफसर जबर्दस्ती जारी नहीं होने देना चाहते. मामले में जब अधिकारियों ने सीएम को बताया कि किसी भी ऐड के हर तथ्य की संबंधित विभाग पुष्टि करेगा तो यह सुनकर मुख्यमंत्री ने माथा पकड़ लिया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ये नियम विज्ञापन में आंकड़े गलत न जाएं इसलिए बनाए थे, न कि काम अटकाने के लिए.
हालांकि मुख्य सचिव के साथ कथित मारपीट के मामले पर आम आदमी पार्टी के विधायकों का अलग रुख है, आप विधायकों के मुताबिक दिल्ली के 2.5 लाख परिवारों का आधार राशन कार्ड से नहीं जुड़े होने के कारण उन्हें राशन नहीं मिल पाया है. इसके कारण उन क्षेत्र के विधायकों पर लोगों का काफी दबाव है. इसी मुद्दे पर सीएम के घर पर विधायकों की बैठक थी. इस दौरान चीफ सेक्रटरी ने सवालों का जवाब देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह विधायकों और सीएम के प्रति नहीं बल्कि उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि उल्टे मुख्य सचिव ने कुछ विधायकों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और बिना सवालों का जवाब दिए वहां से चले गए. पार्टी ने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव बीजेपी की तरफ से यह आरोप लगा रहे हैं जबकि बीजेपी निचले स्तर की राजनीति कर रही है.
इस पूरे प्रकरण के सामने आने से एक ही बात साफ होती है कि ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां भले ही सीएम केजरीवाल के पास हो लेकिन दिल्ली के अफसर उनके बस में नहीं है.