ब्लॉग: बाढ़, फैलाव और अविरलता से ही निर्मल होगी यमुना 

By पंकज चतुर्वेदी | Updated: October 25, 2024 06:36 IST2024-10-25T06:35:47+5:302024-10-25T06:36:28+5:30

कई हजार करोड़ के खर्च, ढेर सारे वायदों और योजनाओं के बाद भी लगता नहीं है कि  दिल्ली में यमुना को 2026 तक निर्मल बना देने का लक्ष्य पूरा होगा.

Yamuna will be purified only by flood expansion and continuity | ब्लॉग: बाढ़, फैलाव और अविरलता से ही निर्मल होगी यमुना 

ब्लॉग: बाढ़, फैलाव और अविरलता से ही निर्मल होगी यमुना 

दिल्ली में पूर्वांचल प्रवासी छठ पर्व की तैयारी के लिए जब यमुना के तट पर गए तो वहां नदी को रसायनों से उपजे सफेद झाग से ढंका पाया. अभी-अभी तो बरसात के बादल विदा हुए हैं और  खबर आ रही है कि हथिनीकुंड बैराज पर 16 अक्तूबर को शाम पांच बजे मात्र 3107 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया. फिलहाल उत्तरप्रदेश की यमुना नहर को पानी भेजा नहीं जा रहा है, वरना पानी की मारा-मारी अभी से शुरू हो जाती.

आश्चर्य है कि इस बार दिल्ली और उसके आसपास यमुना नदी के जल-ग्रहण क्षेत्र कहलाने वाले इलाकों में पर्याप्त पानी बरसा, लेकिन अभी न नदी में पानी दिख रहा है और न ही पानी से जहर की मुक्ति हुई. इस बार भारी बरसात में जब नदी में पानी लबालब होना था, तब कोई पांच बार इसमें अमोनिया की मात्रा अधिक हो गई. आज भी नदी में उठ रहे झाग का कारक यही अमोनिया का आधिक्य है.

आखिर यह तो होना ही था, क्योंकि इस मौसम में दिल्ली में यमुना में एक भी बार बाढ़ आई नहीं और इसके चलते न तो कूड़ा-कचरा बहा, न ही उसके रसायन तरल हुए और न ही तेज जल प्रवाह ने नदी को संपूर्ण रूप में संजोया. कई हजार करोड़ के खर्च, ढेर सारे वायदों और योजनाओं के बाद भी लगता नहीं है कि  दिल्ली में यमुना को 2026 तक निर्मल बना देने का लक्ष्य पूरा होगा.

समझना होगा कि यमुना पर लाख सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगा कर नालों  के पानी को शुद्ध कर लें लेकिन जब तक यमुना में नदी का पानी अविरल नहीं आएगा, तब तक  इसके हालात सुधरने से रहे.

कोई भी बाढ़ नदी में जीवन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. पहाड़ों से बहकर आया पानी अपने साथ कई उपयोगी लवण लेकर आता है. वहीं नदी की राह में जहां जल-मार्ग में कूड़े-मलबे के कारण धारा अवरुद्ध होती है, बाढ़ उसे स्वतः साफ कर देती है. इस तरह नदी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है जो कि मछलियों और जीवों की प्रजातियों को अनुकूल परिवेश प्रदान करती है. आखिर दिल्ली में बाढ़ क्यों नहीं आई?

यदि इस कारण को खोज लें तो यह भी समझ आ जाएगा कि कार्तिक में दिल्ली में यमुना नाबदान क्यों बनी है. यमुना की आत्मा सभी नदियों के मानिंद उसके फ्लड प्लेन अर्थात कछार में है. जब नदी यौवन पर हो तो जमीन पर जहां तक उसका विस्तार होता है, वह उसका कछार या फ्लड प्लेन है.

अब दिल्ली ने तो नदी के फैलने की जगह ही नहीं छोड़ी, हजारों निजी और सरकारी निर्माण, नदी को बीचों बीच सुखाकर खड़े किए गए खंभे यमुना को दिल्ली से बहने ही नहीं देते. और फिर जिन लोगों ने नदी के नैसर्गिक मार्ग पर कब्जा कर लिया है या करना चाहते हैं, वे कभी नहीं चाहते कि दिल्ली में यमुना का जल स्तर बढ़े.
 

Web Title: Yamuna will be purified only by flood expansion and continuity

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे