ब्लॉग: मल्लिकार्जुन खड़गे निभा सकेंगे बड़ी जिम्मेदारी? लड़खड़ाते-लड़खड़ाते कहीं धराशायी ही न हो जाए कांग्रेस

By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 3, 2022 09:54 AM2022-10-03T09:54:53+5:302022-10-03T09:57:38+5:30

मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद क्या कांग्रेस के हालात कुछ बदलेंगे? सबसे अहम बात ये है कि जब तक कांग्रेस के पास नरेंद्र मोदी का वैकल्पिक नेता और नीति नहीं होगी, वह इसी तरह लड़खड़ाती रहेगी.

Will Mallikarjun Kharge be able to shoulder bigger responsibility as congress chief? | ब्लॉग: मल्लिकार्जुन खड़गे निभा सकेंगे बड़ी जिम्मेदारी? लड़खड़ाते-लड़खड़ाते कहीं धराशायी ही न हो जाए कांग्रेस

मल्लिकार्जुन खड़गे पर बड़ी जिम्मेदारी (फाइल फोटो)

मल्लिकार्जुन खड़गे अब कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे, यह तो लगभग तय ही है. यदि अशोक गहलोत बन जाते तो कुछ कहा नहीं जा सकता था कि कांग्रेस का क्या होता? गहलोत को राजस्थान के कांग्रेसी विधायकों के प्रचंड समर्थन ने महानायक का रूप दे दिया था लेकिन गहलोत भी गजब के चतुर नेता हैं, जिन्होंने दिल्ली आकर सोनिया गांधी का गुस्सा ठंडा कर दिया. 

उन्हें अध्यक्ष की खाई में कूदने से तो मुक्ति मिली ही, उनका मुख्यमंत्री पद अभी तक तो बरकरार ही लग रहा है. अध्यक्ष बनने के बाद खड़गे की भी हिम्मत नहीं पड़ेगी कि वे गहलोत पर हाथ डालें. गहलोत और कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेता भी उम्मीदवारी का फार्म भरनेवाले खड़गे के साथ-साथ पहुंच गए. सन्‌ 2000 में जितेंद्र प्रसाद का जो हाल हुआ था, कहीं वैसा ही  शशि थरूर का भी न हो जाए! 

हालांकि उन्होंने पहले दिग्विजय सिंह, अशोक गहलोत और अब खड़गे के बारे में बहुत ही गरिमामय ढंग से बात की है. 22 साल बाद होनेवाले इस चुनाव से क्या कांग्रेस के हालात कुछ बदलेंगे? क्या यह डूबता हुआ सूरज फिर ऊपर उठ पाएगा? यह जाम हुआ चक्का क्या फिर चल पाएगा? अभी कुछ भी कहना कठिन है. हालांकि खड़गे अनुभवी और सुसंयत नेता हैं और उन्हें कर्नाटक की विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में रहने के अनेक अवसर मिले हैं लेकिन कर्नाटक के बाहर उन्हें कितने लोग जानते हैं? 

यह ठीक है कि जगजीवन राम के बाद वे ही पहले दलित हैं, जो कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे. लेकिन नरेंद्र मोदी ने पहले रामनाथ कोविंद और अब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बना पहले ही बढ़त ले रखी है. जब तक कांग्रेस के पास नरेंद्र मोदी का वैकल्पिक नेता और नीति नहीं होगी, वह इसी तरह लड़खड़ाती रहेगी और भारतीय लोकतंत्र व कांग्रेस का यह दुर्भाग्य होगा कि वह लड़खड़ाते-लड़खड़ाते कहीं धराशायी ही न हो जाए.

Web Title: Will Mallikarjun Kharge be able to shoulder bigger responsibility as congress chief?

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