वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: भारतीय मुसलमानों की अच्छाई

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: February 11, 2021 12:11 IST2021-02-11T12:09:14+5:302021-02-11T12:11:48+5:30

गुलाम नबी आजाद की राज्य सभा से विदाई के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व का भी एक अज्ञात आयाम उजागर हुआ. गुलाम नबी ने भी जो बातें कही वो प्रत्योक भारतीय के लिए गर्व की बात है.

Vedapratap Vedic's blog: Ghulam Nabi speech Rajya Sabha and Indian Muslims | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: भारतीय मुसलमानों की अच्छाई

गुलाम नबी आजाद ने जब कहा- गर्व है कि मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsगुलाम नबी आजाद की राज्य सभा से विदाई पर पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व का एक अज्ञात आयाम हुआ उजागरगुलाम नबी आजाद ने भी वो बात कही, जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिएपिछले साठ-सत्तर साल में किसी सांसद की ऐसी भावुक विदाई का शायद ही कोई किस्सा हो

कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद की संसद से विदाई अपने आप में एक अपूर्व घटना बन गई. पिछले साठ-सत्तर साल में किसी अन्य सांसद की ऐसी भावुक विदाई हुई हो, ऐसा मुझे याद नहीं पड़ता. इस विदाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के एक अज्ञात आयाम को उजागर किया. 

गुजराती पर्यटकों के शहीद होने की घटना का जिक्र करते ही उनकी आंखों से आंसू आने लगे. लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह हुई कि गुलाम नबी आजाद ने अपनी जीवन-यात्रा का जिक्र करते हुए ऐसी बात कह दी, जो सिर्फ भारतीय मुसलमानों के लिए ही नहीं, प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है. 

उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं. यही बात अब से 10-11 साल पहले मैंने दुबई में कही थी. मैंने अपने एक भाषण में कहा था कि भारतीय मुसलमान तो दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मुसलमान है. दुबई में हमारे राजदूतावास ने एक बड़ी सभा करके वहां मेरा व्याख्यान रखवाया था, जिसका विषय था, भारत-अरब संबंध. 

उस कार्यक्रम में सैकड़ों प्रवासी भारतीय तो थे ही, दर्जनों शेख और मौलाना लोग भी आए थे. मेरे मुंह से जैसे ही वह उपरोक्त वाक्य निकला, सभा में उपस्थित भारतीय मुसलमानों ने तालियों से सभा-कक्ष गुंजा दिया.

यही बात गुलाम नबी आजाद ने संसद में कह डाली. उनका यह कथन सत्य है, यह मैंने अपने अनुभव से भी जाना है. दुनिया के कई मुस्लिम देशों में रहते हुए मैंने पाया कि हमारे मुसलमान कहीं अधिक धार्मिक, अधिक सदाचारी, अधिक दयालु और अधिक उदार होते हैं. 

लेकिन मैं भाई गुलाम नबी की दो बातों से सहमत नहीं हूं. एक तो यह कि वे खुश हैं कि वे कभी पाकिस्तान नहीं गए और दूसरी यह कि पाकिस्तानी मुसलमानों की बुराइयां हमारे मुसलमानों में न आएं. 

पाकिस्तान जाने से वे क्यों डरें? मैं दर्जनों बार गया और वहां के सर्वोच्च नेताओं और फौजी जनरलों से खरी-खरी बात की. दूसरी बात यह कि पाकिस्तान में आतंकवाद, संकीर्णता और भारत-घृणा ने घर कर रखा है लेकिन ज्यादातर पाकिस्तानी बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे हम भारतीय हैं. 

वे 70-75 साल पहले भारतीय ही थे. निश्चय ही भारतीय मुसलमानों की स्थिति बेहतर है लेकिन दक्षिण एशिया के सबसे बड़े देश होने के नाते हमारा कर्तव्य क्या है? हमें पुराने आर्यावर्त के सभी देशों और लोगों को जोड़ना और उनका उत्थान करना है.

Web Title: Vedapratap Vedic's blog: Ghulam Nabi speech Rajya Sabha and Indian Muslims

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