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वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: भारत-दुबई घनिष्ठता के नए आयाम

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: March 29, 2022 12:43 IST

संयुक्त अरब अमीरात में आप आज कहीं भी चले जाइए, आपको हमेशा ऐसा लगेगा कि आप भारत में ही हैं. यहां लगभग 35 लाख भारतीय रहते हैं.

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परसों रात ही मैं दुबई पहुंचा और कल सुबह मैंने यह खुशखबर पढ़ी कि दुबई की कुल 160 सेवाओं में से भारत के लिए 100 सेवाओं के द्वार खोल दिए गए हैं. कुछ दिन पहले हमारे व्यापार मंत्री पीयूष गोयल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आए थे और उन्होंने यहां के नेताओं से बातचीत करके यह समझौता किया था. अब यहां भारतीय नर्सों, इंजीनियरों, सूचना-विशेषज्ञों आदि तरह-तरह के व्यावसायिक विशेषज्ञों को काम करने की सुविधा मिलेगी. 

इसका नतीजा यह होगा कि भारत के लाखों सुयोग्य नौजवानों को अपनी योग्यता को परखने का मौका मिलेगा. यदि वे दुबई और अबुधाबी में अपना सिक्का जमाएंगे तो उसकी खनक सारे अरब और अफ्रीकी देशों में भी होगी. इस समय भारत के माल को अरब और अफ्रीका के देशों में खपाने का सबसे बड़ा केंद्र यूएई ही है.

भारत की कोशिश है कि ‘गल्फ को-ऑपरेशन कौंसिल के साथ भी वह कुछ इसी तरह के समझौते कर ले तो सऊदी अरब, ओमान, बहरीन, कुवैत और कतर जैसे देशों के साथ उसके व्यापारिक और आर्थिक संबंध घनिष्ठ हो सकते हैं. इस समय यूएई के साथ भारत का व्यापार 60 बिलियन डॉलर का है. अगले पांच वर्षों में यह दोगुना हो सकता है.

दुबई से भारतीय माल बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को भेजा जाता है. भारत-पाक व्यापार आजकल लगभग ठप है लेकिन पाकिस्तान के गांवों में भी यदि आप चले जाएं तो भारतीय चीजें वहां दिखाई पड़ती हैं. दुबई को भारत से आनेवाला माल लगभग करमुक्त हो जाएगा. 

संयुक्त अरब अमीरात में आप कहीं भी चले जाइए, आपको ऐसा लगेगा कि आप भारत में ही हैं. यहां लगभग 35 लाख भारतीय रहते हैं. इस देश की एक तिहाई आबादी इसके बाजारों, अस्पतालों और होटलों में भारतीयों की ही दिखाई पड़ती है. अब दोनों देशों के संबंध इतने घनिष्ठ होते जा रहे हैं कि ये द्विपक्षीय संबंध दुनिया के सारे मुस्लिम देशों से आगे निकल गए हैं. 

कश्मीर में पैसा लगाने की पहल यूएई कर रहा है. यदि कश्मीर में एक इस्लामी देश का विनिवेश बढ़ेगा तो क्या यह पाकिस्तान के घावों पर नमक छिड़कना सिद्ध नहीं होगा? लेकिन हमारे कश्मीरियों के लिए यह विनिवेश शहद से भी ज्यादा मीठा होगा. यहां मैंने जिस भारत-यूएई सम्मेलन की अध्यक्षता की, उसमें दोनों देशों के सैकड़ों नेता, उद्योगपति, पत्रकार आदि ने भाग लिया. यूएई एक आदर्श और आधुनिक इस्लामिक राष्ट्र बनता जा रहा है. भारत के साथ उसकी दोस्ती इस्लाम की छवि को सारी दुनिया में चमकाने का काम करेगी.

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