ब्लॉग: हरियाणा के आदर्श ग्राम के कमाल के फैसले

By वेद प्रताप वैदिक | Published: December 23, 2021 03:52 PM2021-12-23T15:52:19+5:302021-12-23T15:52:19+5:30

हरियाणा का एक गांव उटावड चर्चा में है. यहां ग्राम महापंचायत ने कई दिलचस्प फैसले लिए हैं. इस महापंचायत ने यह जारी किया है कि विवाह-समारोहों में दहेज का दिखावा नहीं किया जाएगा.

Ved Pratap Vaidik Blog: Haryana village Panchayat amazing decisions on cow slaughter and dowry | ब्लॉग: हरियाणा के आदर्श ग्राम के कमाल के फैसले

ब्लॉग: हरियाणा के आदर्श ग्राम के कमाल के फैसले

हरियाणा के एक गांव उटावड में ग्राम महापंचायत ने बड़े कमाल के फैसले लिए हैं. ग्रामीणों की इस महापंचायत ने यह घोषणा की है कि जो कोई भी गोहत्या करेगा, उस पर 51000 रु. का जुर्माना ठोंक दिया जाएगा और उसका सामाजिक बहिष्कार भी किया जाएगा. 

गोहत्या पर कानूनन सजा तो मिलती ही है, जुर्माना भी लाखों में होता है लेकिन यदि कोई पंचायत यह निर्णय करती है तो इसे अदालत के मुकाबले ज्यादा आसानी से लागू किया जा सकता है. जिन अपराधों या अतियों पर कानूनी बंदिशें नहीं हैं, उन्हें करने पर भी इस पंचायत ने सजा के प्रावधान किए हैं. जैसे उस गांव के किसी भी होटल में मांसाहारी भोजन बनाने पर भी प्रतिबंध होगा. 

यदि कोई बड़े जानवर का मांस बेचेगा या जोर से गाने बजाएगा या शराब पीकर गांव में घूमेगा तो उस पर भी हजारों रुपये का जुर्माना किया जाएगा. सबसे अनूठा नियम इस महापंचायत ने यह जारी किया है कि विवाह-समारोहों में दहेज का दिखावा नहीं किया जाएगा और शादियों में 52 बारातियों से ज्यादा नहीं आ सकेंगे.

यों तो दहेज मांगने पर सजा का प्रावधान कानून में है लेकिन देश में बहुत कम शादियां बिना दहेज के होती हैं. फिर भी यदि उसके दिखावे पर प्रतिबंध होगा तो वह लेने-देनेवालों को कुछ हद तक हतोत्साहित जरूर करेगा.

वास्तव में इस महापंचायत को चाहिए था कि वह गांव के सभी अविवाहित युवक-युवतियों से दहेज-विरोधी प्रतिज्ञा करवाती. उसने जुए और सट्टे पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसा लगता है कि इस महापंचायत के सदस्य पलवल के इस गांव को भारत का आदर्श ग्राम बनाना चाहते हैं. सबसे मजेदार बात यह है कि इन निर्णयों का जो लोग भी उल्लंघन करेंगे, उनका सुराग देनेवालों को पंचायत 5100 रु. का पुरस्कार देगी. 

अगर पंचायत अपने ये सब जबर्दस्त फैसले लागू कर सके तो उसके क्या कहने लेकिन उसमें कई कानूनी अड़चनें भी आ सकती हैं. ये फैसले तो सराहनीय हैं लेकिन जुर्माने वगैरह से भी ज्यादा कारगर होते हैं संस्कार. यदि गांवों और शहरों के बच्चों को बचपन से ही इन बुराइयों के विरु द्ध संस्कार मिल जाएं तो इतने सख्त नियमों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.

उटावड को आदर्श ग्राम बनाने की इस महापंचायत के अध्यक्ष कोई रोहतास जैन हैं तो उनका समर्थन करनेवाले पूर्व सरपंच अख्तर हुसैन, मकसूद अहम और आस मुहम्मद हैं. निश्चित रूप से ये सराहनीय फैसले हैं और देश के अन्य गांवों को भी इस बारे में विचार करना चाहिए.

Web Title: Ved Pratap Vaidik Blog: Haryana village Panchayat amazing decisions on cow slaughter and dowry

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