UP Politics News: मध्य प्रदेश में टिकट को लेकर रार!, सपा और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज! 

By राजेंद्र कुमार | Published: October 21, 2023 08:10 PM2023-10-21T20:10:19+5:302023-10-21T20:12:16+5:30

UP Politics News: मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निजी टिप्पणियां कीं.

UP Politics News rahul gandhi akhilesh yadav War SP and Congress intensifies over ticket in Madhya Pradesh | UP Politics News: मध्य प्रदेश में टिकट को लेकर रार!, सपा और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज! 

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Highlightsरामगोपाल ने सपा के खिलाफ अजय राय और कमलनाथ की टिप्पणी पर यह कह दिया कि कहने दो यार, हमें इनपर कुछ नहीं कहना है, छुटभैय्ये नेता हैं ये.कांग्रेस इस तरह से व्यवहार करेगी तो उसके साथ कौन खड़ा होगा? तीखी जुबानी जंग के राजनीतिक परिणाम पर यूपी में अब चिंतन होने लगा है.

UP Politics News: मध्य प्रदेश में सीटों के बंटवारे पर बात बिगड़ने के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच जुबानी तल्खी बढ़ती जा रही है. अब दोनों ही दलों के बड़े नेता एक-दूसरे के खिलाफ तीखी टिप्पणी करने लगे हैं. गत शुक्रवार को मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निजी टिप्पणियां कीं.

तो शनिवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल ने सपा के खिलाफ अजय राय और कमलनाथ की टिप्पणी पर यह कह दिया कि कहने दो यार, हमें इनपर कुछ नहीं कहना है, छुटभैय्ये नेता हैं ये. सपा मुखिया अखिलेश तो पहले ही यह कह चुके हैं कि कांग्रेस इस तरह से व्यवहार करेगी तो उसके साथ कौन खड़ा होगा? 

अखिलेश यह क्यों नहीं सोचा: 

फिलहाल कांग्रेस और सपा के बीच शुरू हुई इसी तीखी जुबानी जंग के राजनीतिक परिणाम पर यूपी में अब चिंतन होने लगा है. कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश से सीटों के तालमेल को लेकर शुरू हुए टकराहट का परिणाम पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद यूपी में दिखने लगेगा.

आज भले ही अखिलेश यादव कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए सीटों के बंटवारे में कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह तक की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. लेकिन अखिलेश को भी यह सोचना होगा कि जब इंडिया गठबंधन का गठन लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए हुआ था.

तो उन्होंने क्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ सीटों के लिए बातचीत का सिलसिला शुरू किया. फिर जब यह सिलसिला शुरू हुआ तो उन्होने दस से अधिक सीटें छोड़ने के लिए कांग्रेस पर दबाव क्यों बनाया है. यह धमकी क्यों दी कि यूपी में सपा ही इंडिया गठबंधन से जुड़े दलों को सीटें बांटेगी.

कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव की दबाव डालने की इस राजनीति से ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ सीटों के तालमेल की बात बिगड़ गई. तो अखिलेश यादव खफा हो गए और उन्होने बिना विचार किए हुए कांग्रेस नेताओं पर धोखा देने का आरोप लगा दिया. यदि उन्होंने संयम से काम लिया होता तो सपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग ना शुरू होती. 

बेजा दबाव में नहीं झुकेगी कांग्रेस: 

कांग्रेस ने सीनियर नेताओं ने अखिलेश यादव के इस आरोप को बेहद ही गंभीरता से लिया और अखिलेश यादव के आरोप का जवाब देने की छूट पार्टी नेताओं को दे दी. ताकि यह संदेश दिया जा सके कि अब कांग्रेस अपने हितैषी दलों के बेजा दबाव के सामने झुकेगी नहीं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि उन्होंने अखिलेश यादव पर कोई निजी टिप्पणी नहीं की.

हमें तो यहीं कहा था कि मध्य प्रदेश का मतदाता हाथ का पंजा जानता है, साइकिल नहीं. भाजपा को हराने के लिए सपा को कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए. लेकिन सपा नेताओं ने राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं के खिलाफ निजी टिप्पणी की. तो कांग्रेस की तरफ से जवाब दिया गया. कहा गया अखिलेश यादव ने सैनिक स्कूल और ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई की है.

 लेकिन उनकी भाषा समाजवादी संस्कार की नहीं है. जिसने अपने पिता का सम्मान नहीं किया, उनके लिए हमारे जैसे आम लोग क्या हैं? सपा और अखिलेश, भाजपा से मिले हैं. इसके बाद शनिवार को प्रो रामगोपाल जो कांग्रेस के साथ मध्य प्रदेश में सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत कर रहे थे ने हमारे नेताओं को छुटभैय्ये नेता कह रहे हैं. अब उनके इस कथन पर क्या कहा जाए. 

यूपी में ऐसे खत्म होगा सपा और कांग्रेस का मनमुटाव: 

फिलहाल सपा और कांग्रेस के बीच हो रही जुबानी जंग के बीच आगामी लोकसभा चुनाव में दिनों दलों के बीच मिलकर चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर दोनों दलों के नेता अभी कोई टिप्पणी करने को तैयार नहीं हैं. इन दलों के नेताओं का कहना है, इस मामले में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.

यूपी में कांग्रेस के कोई बड़ा आधार नहीं है. वर्ष 2009 के बाद कांग्रेस सूबे में दो से अधिक सीटें जीतने में सफल नहीं हुई है. यूपी में सपा का ही बड़ा आधार है. सपा के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ने में कांग्रेस को सफलता मिलेगी. कांग्रेस के नेता यह जानते हैं.

ऐसे में सपा और कांग्रेस के बीच तीखी जुबानी जंग के बीच दोनों में सीटों के तालमेल को लेकर वार्ता कैसे शुरू होगी? किसके हस्तक्षेप से यह संभव होगा? यह तो समय ही बताएगा. चर्चा यह भी है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू यादव की पहल पर ही यूपी में सपा और कांग्रेस का मनमुटाव खत्म होगा. 

Web Title: UP Politics News rahul gandhi akhilesh yadav War SP and Congress intensifies over ticket in Madhya Pradesh

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