लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: टीवी चैनलों पर घृणा फैलानेवाले बयानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, क्या बनेगा कोई कानून?

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: September 23, 2022 11:21 IST

जरुरी यह है कि टीवी चैनल खुद ही आत्मसंयम का परिचय दें. पढ़े-लिखे और गंभीर लोगों को ही एंकर बनाया जाए.

Open in App

हमारे टीवी चैनलों की दशा कैसी है, इसका पता सर्वोच्च न्यायालय में आजकल चल रही बहस से चल रहा है. अदालत ने सरकार से कहा है कि टीवी चैनलों पर घृणा फैलानेवाले बयानों को रोकने के लिए उसे सख्त कानून बनाने चाहिए. पढ़े हुए शब्दों से ज्यादा असर सुने हुए शब्दों का होता है. टीवी चैनलों पर उड़ेली जानेवाली नफरत, बेइज्जती और अश्लीलता करोड़ों लोगों को तत्काल प्रभावित करती है. 

अदालत ने यह भी कहा है कि टीवी एंकर अपने चैनल की टीआरपी बढ़ाने के लिए ऊटपटांग बातें करते हैं, वक्ताओं का अपमान करते हैं, ऐसे लोगों को बोलने के लिए बुलाते हैं, जो उनकी मनपसंद बातों को दोहराते हैं. अदालत ने एंकरों की खिंचाई करते हुए यह भी कहा है कि वे लोग वक्ताओं को कम मौका देते हैं और अपनी दाल ही दलते रहते हैं.

आजकल कुछ चैनल अपवाद हैं लेकिन ज्यादातर चैनल चाहते हैं कि उनके वक्ता एक-दूसरे पर चीखें-चिल्लाएं और दर्शक लोग उन चैनलों से चिपके रहें. भारत के विधि आयोग ने सुझाव दिया था कि भारतीय दंड संहिता में एक नई धारा जोड़कर ऐसे लोगों को दंडित किया जाना चाहिए, जो टीवी चैनलों से घृणा, अश्लीलता, अपराध, फूहड़पन और सांप्रदायिकता फैलाते हैं. सर्वोच्च न्यायालय और विधि आयोग की यह चिंता और सलाह ध्यान देने योग्य है लेकिन उस पर ठीक ढंग से अमल होना लगभग असंभव जैसा है. 

टीवी पर बोला गया कौनसा शब्द उचित है या अनुचित, यह तय करना अदालत के लिए आसान नहीं है और अत्यंत समयसाध्य है. कोई कानून बने तो अच्छा ही है लेकिन उससे भी ज्यादा जरुरी यह है कि टीवी चैनल खुद ही आत्मसंयम का परिचय दें. पढ़े-लिखे और गंभीर लोगों को ही एंकर बनाया जाए. उन्हीं लोगों को बहस के लिए बुलाएं, जो विषय के जानकार और निष्पक्ष हों. 

पार्टी-प्रवक्ताओं के दंगलों से बाज आएं. यदि उन्हें बुलाया जाए तो उनके बयानों को पहले रिकार्ड और संपादित किया जाए. एंकरों को सवाल पूछने का अधिकार हो लेकिन अपनी राय थोपने का नहीं. हमारे टीवी चैनल भारतीय लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तंभ हैं. इनका स्वस्थ रहना जरूरी है.

 

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टटीवी कंट्रोवर्सीNews Broadcasters Federation
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

ज़रा हटके'बदतमीज़ आदमी..गंदे लोग': टीवी एंकर ने TMC पैनलिस्ट को गंदे इशारे करने पर LIVE डिबेट से भगाया | VIDEO

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत अधिक खबरें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं