लाइव न्यूज़ :

शशिधर खान का ब्लॉग: उपराज्यपाल के राजनीतिक ‘अधिकार’ पर उठते सवाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 13, 2019 14:52 IST

ताजा मामला गरम इसलिए हो गया, क्योंकि किरण बेदी ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें उपराज्यपाल के अधिकारों पर लगाम लगा दी गई.

Open in App

शशिधर खान

केंद्र शासित क्षेत्र पुडुचेरी के कांग्रेसी मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और उपराज्यपाल भाजपा नेता किरण बेदी के बीच अधिकारों को लेकर चल रही लड़ाई विधानसभा, मद्रास हाईकोर्ट से निकलकर अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है. पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी केंद्र शासित क्षेत्र पुडुचेरी के मामले में उपराज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों की बात करती हैं. मगर वास्तव में निर्वाचित सरकार से किरण बेदी की तनातनी राजनीतिक ‘पावर’ को लेकर है और यह मई 2016 से ही है, जब से वो पुडुचेरी की उपराज्यपाल बनी हैं. 

ताजा मामला गरम इसलिए हो गया, क्योंकि किरण बेदी ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें उपराज्यपाल के अधिकारों पर लगाम लगा दी गई. उपराज्यपाल की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 जून तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश पुडुचेरी सरकार को दिया और यह भी कहा कि उसके पहले मंत्रिमंडल की बैठक में अगर वित्तीय असरवाला कोई निर्णय लिया जाता है तो उस पर 21 जून तक अमल नहीं किया जाए.

ऐसी नौबत आने का असली कारण है पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार का होना. मद्रास हाईकोर्ट ने इसी टकराव से संबंधित कांग्रेस विधायक की अर्जी पर 30 अप्रैल को फैसला दिया कि उपराज्यपाल पुडुचेरी की निर्वाचित सरकार के रोजमर्रा के राजकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं. 

मद्रास हाईकोर्ट के जज आर महादेवन ने अपने फैसले में कहा कि उपराज्यपाल मंत्रिमंडल के निर्णयों से बंधी हैं, जो पुडुचेरी विधानमंडल से जुड़ा है. उस फैसले के समय लोकसभा मतदान प्रक्रिया जारी थी और चुनाव आचारसंहिता लागू थी. राज्य सरकार भी कोई वित्तीय फैसला ले नहीं सकती थी. इसलिए उपराज्यपाल किरण बेदी चुप्पी साधे रहीं. उनकी नजर मुख्य रूप से सरकार के वित्तीय कामकाज पर थी और किरण बेदी के अनुसार केंद्र शासित क्षेत्र पुडुचेरी की सरकार उपराज्यपाल की पूर्वानुमति के बगैर कोई वित्तीय निर्णय नहीं ले सकती. 

लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद उपराज्यपाल ने सबसे पहले मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की ठानी, क्योंकि इस फैसले से उपराज्यपाल के उस अधिकार पर ही रोक लग गई थी, जिसे वे संवैधानिक बताती हैं. 19-20 मई को घोषित चुनाव परिणाम से उपराज्यपाल की भवें ज्यादा तन गईं. पुडुचेरी की एकमात्र लोकसभा सीट से कांग्रेस के वी वैथीलिंगम ने भाजपा उम्मीदवार को भारी मतों से पराजित किया, जो दिल्ली तक भाजपा के केंद्रीय नेताओं को अच्छा नहीं लगा. उपराज्यपाल किरण बेदी की राज्य सरकार से बहुत दिन से ठनी हुई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस विवाद में शिरकत कर चुके हैं.

टॅग्स :किरण बेदीवी नारायणस्वामीपुडुचेरीसुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक