रमेश ठाकुर का ब्लॉग: देश में बाघों की आबादी से गूंजी विश्व में दहाड़
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 21, 2020 05:58 AM2020-07-21T05:58:39+5:302020-07-21T05:58:39+5:30
भारत में बीते दो वर्षों में बाघों की संख्या में उम्मीद से ज्यादा इजाफा हुआ. सरकार की सोच से भी ज्यादा. यहां तक कि केंद्र सरकार ने 2022 तक बाघों की जितनी संख्या होने का लक्ष्य निर्धारित किया था, वह अभी पूरा हो गया.
कैमरा ट्रैपिंग द्वारा की गई बाघ गणना ने नया इतिहास रचा है. हिंदुस्तान में पहली बार बाघों की सर्वाधिक आबादी होने का दावा किया गया है.
जनसंख्या में भारी वृद्धि होने से बाघों ने अपना नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी लिखवा दिया है. निश्चित रूप से ये खबर वैश्विक संकट काल में विश्व पटल पर राष्ट्रीय पशु बाघ के संबंध में हमारे लिए गौरवान्वित करने जैसी है.
इस उपलब्धि के बाद हिंदुस्तान ने बाघों की संख्या में अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है. वैसे भी समूचे संसार में बाघों की कुल आबादी के लिहाज से सत्तर फीसदी से ज्यादा बाघ भारत में ही मौजूद हैं.
इस दुर्लभ वन्यजीव की संख्या बढ़े, उसके लिए प्रयास पहले भी खूब हुए, हुकूमतों द्वारा कई कार्ययोजनाएं बनाई गई, बेतहाशा धन खर्च किया गया. पर सफलता नहीं मिल पाई थी. उसके लिए लम्बा इंतजार करना पड़ा.
पर्यावरण प्रेमियों से लेकर सरकार का पूरा बाघ संरक्षण महकमा खुश है. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अधिकृत रूप से यह उपलब्धि देशवासियों से साझा की है.
आजादी के बाद से लगातार बाघों की संख्या घटी. सामाजिक और सरकारी स्तर पर चिंताएं भी हुई. बाघों की संख्या वृद्धि को लेकर कई देशी नुस्खे भी अपनाए गए, पर सभी नाकाफी साबित हुए.
संख्या में बढ़ोत्तरी का करिश्मा अब जाकर हुआ. बीते दो वर्षों में बाघों की संख्या में उम्मीद से ज्यादा इजाफा हुआ. सरकार की सोच से भी ज्यादा. यहां तक कि केंद्र सरकार ने 2022 तक बाघों की जितनी संख्या होने का लक्ष्य निर्धारित किया था, वह अभी पूरा हो गया.
बाघों की संख्या क्यों बढ़ी, इसकी थ्योरी को भी समझना जरूरी है. बाघों की सही गणना के लिए दो साल पहले केंद्र सरकार ने कैमरा ट्रैपिंग विधि का इस्तेमाल किया. करीब तीस हजार के आसपास कैमरे लगाए गए उन जगहों पर, जहां बाघों की चहलकदमी ज्यादा होती थी.
पांच-छह महीनों की गणना में बाघों के करीब चार करोड़ पदचिह्नों के आकलन से विशेषज्ञों ने विश्लेषण करके पाया कि 2014 में की गई गणना की तुलना में 2018 में बाघों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई, कुल संख्या 2967 हो गई है.
गौरतलब है कि सन् 2018 से पहले कुल बाघ 2226 थे. नई तकनीक की बदौलत 21 राज्यों में कैमरे बाघों की आबादी वाले कुल 141 क्षेत्रों में 26,838 स्थानों पर लगाए गए, जिसमें 1,21,337 वर्ग किमी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया.
हाई टेक्नोलॉजी से लैस आधुनिक कैमरों से वन्य जीवों की तस्वीरें ली गई. उन सभी तस्वीरों से स्ट्रिप-पैटर्न-पहचान के जरिए सॉफ्टवेयर से बाघों की गणना कई राउंड में की गई, जिससे सटीक आंकड़े आ सके.