लाइव न्यूज़ :

रमेश ठाकुर का ब्लॉग: फेसबुक चैलेंज की आड़ में निजता में सेंधमारी तो नहीं?

By रमेश ठाकुर | Updated: September 28, 2020 10:16 IST

चीन द्वारा करीब नौ से दस हजार भारतीयों की जासूसी कराने का मामला इस वक्त चर्चा में है, जिनमें हर क्षेत्न के लोग शामिल हैं. उसने ये डाटा सोशल नेटवर्किग साइटों से लेने के अलावा अपने गुप्तचरों के माध्यम से एकत्न करवाया.

Open in App

 फेसबुक ने एक बार फिर ‘कपल चैलेंज’ का टास्क देकर युवाओं को उलझा रखा है. फेसबुक इस्तेमाल करने वाले अपनी पत्नियों, महिला मित्नों आदि की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं. इस मिशन में उम्रदराज लोगों की संख्या तो कम है, पर युवा बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर समय-समय पर दिए जाने वाले इन चैलेंज रूपी टास्कों पर कुछ संदेह होने लगा है कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं? पत्नी, बच्चों और पारिवारिक लोगों की तस्वीरें निजी वस्तुओं का हिस्सा मानी जाती हैं.

एक जमाना था, जब शादी-ब्याह के वक्त कोई घर की महिलाओं की तस्वीर चुपके से उतार लेता था तो झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी. उस वक्त कोई भी व्यक्ति अपने घरों की महिलाओं की तस्वीरों को सार्वजनिक करना पसंद नहीं करता था. बड़े-बूढ़े तो सख्त खिलाफ हुआ करते थे. लेकिन समय कितना बदल गया. पुरानी परंपराएं सभी बेमानी हो गई हैं. 

चीन द्वारा करीब नौ से दस हजार भारतीयों की जासूसी कराने का मामला इस वक्त चर्चा में है, जिनमें हर क्षेत्न के लोग शामिल हैं. उसने ये डाटा सोशल नेटवर्किग साइटों से लेने के अलावा अपने गुप्तचरों के माध्यम से एकत्न करवाया. ये काम कोई एक दिन का नहीं, बल्कि कई सालों का है. हम सोशल मीडिया की साइटों में इतने मग्न हो जाते हैं कि अपनी दैनिक दिनचर्या भी नियमित रूप से उसमें डाल देते हैं. किन से मिले, पूरे दिन में क्या किया, किस प्रोजेक्ट में हाथ डाला, किस मित्न से मिले आदि सब कुछ हम सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं.

गौर से सोचने वाली बात है कि हमारे पास फिर बचा क्या? सब कुछ तो सार्वजनिक कर दिया. लाइक्स और कमेंट्स की चाहत हमें थोड़ी देर के लिए तो खुशी देती है, लेकिन इस चक्कर में हम अपनी निजता को उघाड़ कर रख देते हैं.

सोशल मीडिया ने इंसान और उसके रहन-सहन के तौर-तरीकों को बदलकर रख दिया है. हम दिन में क्या खा-पी रहे हैं, क्या ओढ़-पहन रहे हैं, सब उसकी नजर में रहता है. कुल मिलाकर सुबह से लेकर शाम को सोने से पहले की सभी सूचनाएं हम साझा कर रहे हैं.

एक करता है तो उसके देखा-देखी दूसरा भी वैसा ही करता है. इस मध्य में समझाने वाला गायब है. सही-गलत को बताने की कोई कोशिश भी करता है तो उसे आड़े हाथों ले लिया जाता है.

खैर, कहने का मकसद मात्न इतना है कि सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले क्या हमें एक बार सोचना नहीं चाहिए?

टॅग्स :फेसबुक
Open in App

संबंधित खबरें

भारतसमाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट बहाल, जानें पहली पोस्ट में उन्होंने क्या कहा

भारतआखिर क्यों पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का फेसबुक खाता बैन?, सपा ने भाजपा पर किया हमला, जानें वजह

क्राइम अलर्टKarnataka: फेसबुक लाइव आकर शख्स ने की आत्महत्या की कोशिश, पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप

ज़रा हटकेVIDEO: दीवार फांदकर आई मौत, घर के रखवाले को मार डाला, देखें वायरल वीडियो

विश्वतस्वीरें वहां बोलती हैं, जहां शब्द चुप हो जाते हैं

भारत अधिक खबरें

भारतकफ सीरप मामले में सीबीआई जांच नहीं कराएगी योगी सरकार, मुख्यमंत्री ने कहा - अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा

भारतगोवा जिला पंचायत चुनावः 50 में से 30 से अधिक सीट पर जीते भाजपा-एमजीपी, कांग्रेस 10, आम आदमी पार्टी तथा रिवोल्यूश्नरी गोअन्स पार्टी को 1-1 सीट

भारतलोनावला नगर परिषदः सड़क किनारे फल बेचने वालीं भाग्यश्री जगताप ने मारी बाजी, बीजेपी प्रत्याशी को 608 वोट से हराया

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोशल मीडिया ‘इंस्टाग्राम’ पर मिली धमकी, पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी, जुटी जांच में

भारतबृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव: गठबंधन की कोई घोषणा नहीं?, राज-उद्धव ठाकरे में बातचीत जारी, स्थानीय निकाय चुनावों में हार के बाद सदमे में कार्यकर्त्ता?