लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: भारत के शाश्वत मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों का मंदिर

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: January 23, 2024 10:46 IST

भगवान राम भारतीय जनमानस ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में व्याप्त हैं। दुनिया के विभिन्न देशों में स्थापित राम मंदिर तथा मिले पुरातात्विक अवशेष इस बात के प्रमाण हैं कि भगवान राम की व्याप्ति भारत की सीमा से भी परे रही है और आज भी है।

Open in App
ठळक मुद्देरामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा हो चुकी हैयह मंदिर वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा का साक्षात प्रतीक है प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या का पूरा चेहरा-मोहरा बदल गया

Ram Mandir Ayodhya: पांच सदी की तपस्या, आकांक्षा, स्वप्न और संघर्ष का 22 जनवरी को सुफल मिला तथा अयोध्या में दिव्य समारोह में भगवान रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा उसी स्थान पर भव्य मंदिर में हुई जहां पर उसे स्थापित करने का संकल्प पूरे देश की जनता ने किया था। रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के साथ ही भारत के समृद्ध आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय का  शुभारंभ भी हो गया है। यह मंदिर भगवान राम द्वारा स्थापित श्रेष्ठतम मानवीय मूल्यों, सर्वोच्च आदर्शों, एक समृद्ध व समतावादी विश्व एवं वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा का साक्षात प्रतीक है जो आने वाली पीढ़ियों को आदर्श राष्ट्रसेवक बनने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

भगवान राम भारतीय जनमानस ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में व्याप्त हैं। दुनिया के विभिन्न देशों में स्थापित राम मंदिर  तथा मिले पुरातात्विक अवशेष इस बात के प्रमाण हैं कि भगवान राम की व्याप्ति भारत की सीमा से भी परे रही है और आज भी है। अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर स्थित मंदिर के साथ भूतकाल में क्या हुआ, उसकी तह में जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह क्षण पुराने घावों को कुरेदने का नहीं बल्कि आस्था के सागर में आनंद की डुबकी लगाने का है। जन्मस्थान पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 496 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा। इसके लिए आंदोलन हुए और अदालती लड़ाई हुई।

बातचीत के जरिये भी रास्ता ढूंढ़ने का प्रयास किया गया लेकिन अंतत: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर के निर्माण व प्राण-प्रतिष्ठा का मार्ग प्रशस्त हुआ। अदालत का फैसला दोनों पक्षों ने  मान्य किया और राम मंदिर निर्माण में सभी समुदायों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा किया. राम मंदिर निर्माण एवं प्राण-प्रतिष्ठा की संपूर्ण प्रक्रिया में अनेकता में एकता की भारतीय संस्कृति के दर्शन हुए और पूरे विश्व में भारत की छवि उज्ज्वल हुई। प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या का पूरा चेहरा-मोहरा बदल गया और वह पूरे विश्व के प्रमुख पर्यटन तथा धार्मिक स्थलों में शामिल हो गया है।

यह कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अयोध्या का प्राचीन गौरव उसे वापस मिल गया है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण ज्वलंत चुनावी मुद्दा भी रहा है और इसने देश की राजनीति की दिशा और दशा बदल दी। राम मंदिर के लिए पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की बहुचर्चित रथयात्रा भारतीय राजनीति में विमर्श के केंद्र में धर्म को ले आई। राजनीति में नब्बे के दशक के साथ ही आरक्षण आंदोलन और मंदिर आंदोलन के बाद भाजपा ने कमंडल (धर्म) और विपक्ष ने मंडल (आरक्षण) को चुनावी हथियार बना लिया। राम मंदिर निर्माण बेहद संवेदनशील मसला था।

कोई भी पार्टी किसी एक समुदाय की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया कि मुख्य शासनकर्ता अगर दृढ़संकल्प का धनी हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। देश के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जब कोई भी महत्वपूर्ण घोषणा करते हैं तो उसे मोदी की गारंटी बताते हैं। जिस तरह से वह अपने वादों को एक-एक कर पूर्ण करते जा रहे हैं, उससे मोदी की गारंटी अपने आप में एक विश्वसनीय ब्रांड बन गया है। राम मंदिर निर्माण दशकों से भाजपा के चुनावी वादों का हिस्सा रहा है लेकिन उसकी संवेदनशीलता को देखते हुए किसी को विश्वास नहीं था कि यह वादा कभी भाजपा पूरा भी कर सकेगी मगर मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से जटिल मसलों को भी जिस दृढ़ता के साथ हल किया जाने लगा, उससे मोदी की छवि तो आम भारतीय जनमानस में निखरी ही, दुनिया में भी उनके नेतृत्व कौशल की धाक जमी।

अयोध्या में  राम मंदिर का निर्माण तथा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का श्रेय साधु-संतों, कारसेवकों  तथा इस आंदोलन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े तमाम लोगों के त्याग एवं समर्पण को तो है ही, मोदी के दृढ़ संकल्प की भी सराहना की जानी चाहिए। अगर वह अपने संकल्प को फलीभूत करने के लिए समर्पित नहीं रहते तो आज हम जिस सपने को साकार होता देख रहे हैं, वह शायद नहीं होता। अयोध्या का राम मंदिर न केवल भारत बल्कि पूरे देश में आस्था के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थान बनाएगा। दुनिया में जहां कहीं भी हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग बसते हैं या जिनकी हिंदू धर्म को जानने की जिज्ञासा है, वे बार-बार अयोध्या आएंगे तथा रामलला के दर्शन कर खुद को धन्य समझेंगे। आस्था का यह केंद्र जाति-धर्म से परे सैलानियों के आकर्षण का भी केंद्र रहेगा। यह मंदिर महज आस्था का केंद्र न होकर समरसता तथा मानव कल्याण के शाश्वत मूल्यों का वैश्विक प्रतीक है जो दुनिया भर में भारत की कीर्ति पताका फहराएगा।

टॅग्स :राम मंदिरअयोध्याराम जन्मभूमिLord Ramनरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतइंडिगो की 400 से ज्यादा उड़ानें आज हुई रद्द, यात्रियों के लिए मुश्किल हुआ हवाई सफर