लाइव न्यूज़ :

राजेंद्र दर्डा का ब्लॉग: कंगना रनौत ने किया महाराष्ट्र के शहीदों का अपमान

By राजेंद्र दर्डा | Updated: September 5, 2020 13:59 IST

किसी प्रकरण में सत्तारूढ़ दल को घेरने का काम अगर किसी विपक्षी दल ने किया तो उसमें गलत कुछ भी नहीं. इसमें कोई नई बात नहीं है. लेकिन ऐसे आरोप लगाने के दौरान इस बात का एहतियात बरतना चाहिए कि इससे न्याय व्यवस्था, पुलिस जैसी संस्था की बदनामी न हो.

Open in App

शिवसेना नेता सांसद संजय राऊत ने मुझे मुंबई नहीं आने की धमकी दी है, जिसे देखते हुए मुझे अब मुंबई भी पाक अधिकृत कश्मीर जैसी लगने लगी है. यह बेहद गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी है बालीवुड की अभिनेत्री कंगना रणावत की.

शिवसेना नेता को लेकर शिकायत के मामले में कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार कंगना को है, लेकिन उन्हें मुंबई का अपमान करने की कोई जरूरत नहीं थी. इस बयान से उन्होंने संयुक्त महाराष्ट्र के लिए, मुंबई के लिए बलिदान देने वालों का घोर अपमान किया है.

यह बेहद नाराजगी और उत्तेजना को जन्म देने वाला बयान है. ‘मुंबई सहित संयुक्त महाराष्ट्र होना ही चाहिए’ का नारा देते हुए 108 शहीदों के बलिदान से मुंबई सहित संयुक्त महाराष्ट्र साकार हुआ.

उसी वजह से 1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य अस्तित्व में आया. शाहू-फुले-आंबेडकर के महाराष्ट्र के तौर पर उसकी पहचान बनी है. छत्रपति शिवाजी महाराज, संविधान निर्माता डॉ बाबासाहब आंबेडकर के विचारों से निखरकर यह महाराष्ट्र साकार हुआ है.

यहीं की सावित्रीबाई फुले ने महिला शिक्षा की ज्योत प्रज्ज्वलित की, जिसकी वजह से महिलाओं को शिक्षा मिली. आज उसी शिक्षा का अभिनेत्री कंगना रणावत द्वारा अविवेकपूर्ण इस्तेमाल दुर्भाग्यपूर्ण है.

ऋतिक रोशन पर बेलगाम आरोपों की झड़ी लगाकर कंगना सुर्खियों में आई थीं. फिल्मी दुनिया के बारे में बोलने के लिए वह आजाद हैं. वहां किसी ने भी उनका मुंह बंद नहीं किया, लेकिन जिस मुंबई ने उन्हें बड़ा किया, लोकप्रियता दी, देशभर में पहचान दी, उसी मुंबई को पाक अधिकृत कश्मीर की संज्ञा देना मुंबईकरों और महाराष्ट्र के हर एक व्यक्ति का बड़ा अपमान है. जो अदाकारा इस तरह से बेलगाम व्यवहार करती हो, उससे माफी की अपेक्षा भला कैसे की जा सकती है?

अगर कोई व्यक्ति किसी राजनीतिक पक्ष के हित में भूमिका रखता हो तो यह उसकी निजी सोच है, लेकिन देश, शहर और राज्य की अस्मिता इससे बहुत बड़ी होती है. इस वजह से उस शहर और वहां के रहने वालों की अस्मिता को ठेस पहुंचाने का काम कभी भी किसी को नहीं करना चाहिए. लेकिन सस्ती पब्लिसिटी और लोकप्रियता के फेर में कंगना ने जो बयान मुंबई शहर के बारे में या मुंबई पुलिस के बारे में दिए हैं, वे बेहद आपत्तिजनक हैं.

मुंबई पुलिस से अपने को डर लगता है, मुंबई पुलिस हमें संरक्षण नहीं दे सकती’ जैसे बयान भी यहां के पुलिस दल का अपमान है. जिस पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड से की जाती है, जिस पुलिस ने कसाब जैसे आतंकी को जिंदा पकड़ा हो, आतंकियों के खिलाफ जंग लड़ते हुए शहीद हुए हेमंत करकरे, विजय सालस्कर, अशोक कामटे जैसे अधिकारियों-कर्मचारी के परिवारों का भी यह अपमान है.

पूरे देश में इस बात को माना जाता है कि जितने सक्षम पुलिस अधिकारी यहां हैं, कहीं नहीं हैं. आज भी मुंबई पुलिस में अनेक बेहतरीन अधिकारी हैं. 91 वर्ष के सुपरकॉप जूलियो रेबेरो से लेकर सदानंद दाते तक बेहतरीन पुलिस अधिकारियों की लंबी सूची तैयार की जा सकती है.

मुंबई पुलिस बल जिस महाराष्ट्र में है, उसका मैं कुछ वर्ष गृह राज्यमंत्री था. मुझे मुंबई पुलिस की पूरी जानकारी है. पुलिस के बारे में मुझे मिले अनुभव, मेरे द्वारा देखे गए कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कारण मुझे हमेशा अभिमान महसूस होता रहा है.

ऐसे में एक अभिनेत्री आती है और पूरे पुलिस बल को आरोपी के कठघरे में खड़ी कर देती है. यह बात ऊपरी तौर पर जितनी सहज लग रही है, उतनी है ऐसा मुझे नहीं लगता.

‘मुंबई पुलिस पर मेरा विश्वास नहीं, मुझे यहां संरक्षण मिलेगा या नहीं पता नहीं’ जैसे बयान देकर पूरी व्यवस्था को आरोपी के कठघरे में खड़ा किए जाने के कारण, आम आदमी का व्यवस्था पर से विश्वास उठ सकता है, यह अहसास न हो, इतनी तो वह अज्ञानी निश्चित ही नहीं होंगी.

कंगना राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री हैं. उन्हें उनके अभिनय के लिए अनेक मान-सम्मान मिले हैं. क्या यह वही कंगना हैं जिनके अभिनय पर महाराष्ट्र ने प्यार किया, जिन्हें ख्याति दिलाई? यह सवाल उठना स्वाभाविक है.

किसी घटना या किसी प्रकरण में सत्तारूढ़ दल को घेरने का काम अगर किसी विपक्षी दल ने किया तो उसमें गलत कुछ भी नहीं. इसमें कोई नई बात नहीं है. लेकिन ऐसे आरोप लगाने के दौरान इस बात का एहतियात बरतना चाहिए कि इससे न्याय व्यवस्था, पुलिस जैसी संस्था की बदनामी न हो.

एकाध अपवाद को छोड़ दिया जाए तो मेरी जानकारी में तो नहीं आया कि किसी विपक्षी नेता ने कंगना को विवादित बयानों के लिए सार्वजनिक तौर पर फटकार लगाई हो.

कंगना ने यह भी बयान दिया है कि अभिनेता रणबीर, रणवीर और विकी कौशल को ड्रग्स सेवन के लिए जांच करा लेनी चाहिए. अगर उनके पास इस बारे में सचमुच कोई जानकारी हो तो उन्हें पुलिस को यह जानकारी देनी चाहिए ताकि वह जांच में इस्तेमाल हो सके. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं करते हुए केवल गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी करके पब्लिसिटी हासिल करना ठीक बात नहीं है.

कहीं उनके मुंह से मुंबई को लेकर लगातार बयानबाजी के पीछे मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की राजनीति तो नहीं हो रही होगी न? यह भी इस मौके पर जांच ही लेना चाहिए. देश में आज कोरोना के कारण बेरोजगारी, कमजोर अर्थव्यवस्था, सीमा पर तनाव जैसी ज्वलंत समस्याओं के बावजूद बेवजह विवाद खड़े करना दु:खद है.

टॅग्स :कंगना रनौतमहाराष्ट्रमुंबई पुलिससुशांत सिंह राजपूत
Open in App

संबंधित खबरें

भारतMaharashtra Local Body Polls Result: महायुति 214, एमवीए 49, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, जानें किस पार्टी को कितनी सीटें

भारतस्थानीय निकाय चुनावः 286 में से 212 सीट पर जीत?, अशोक चव्हाण बोले- भाजपा के 3,300 पार्षद निर्वाचित, जनवरी 2026 में 29 नगर निगमों चुनावों पर असर दिखेगा?

भारतमुंबई निगम चुनावः नगर परिषद और पंचायत में करारी हार?, ठाकरे-पवार को छोड़ वीबीए-आरपीआई से गठजोड़ करेंगे राहुल गांधी?

भारतपालघर नगर परिषद में शिवसेना के उत्तम घरत ने भाजपा के कैलाश म्हात्रे को हराया और बीजेपी ने जव्हार नगर परिषद और वाडा नगर पंचायत पर किया कब्जा

भारतनगर परिषद और नगर पंचायत चुनावः MVA ने हार स्वीकार की, कहा-पैसा और निर्वाचन आयोग के कारण हारे

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार में फाइनेंस कंपनियों के कर्ज से परेशान लोग आत्महत्या करने को मजबूर, पुलिस ने लिया गंभीरता से, ईओयू को दी कार्रवाई की जिम्मेदारी

भारतमहाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावः अभी तो ‘ट्रेलर’ है?, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा-15 जनवरी को नगर निगम में फिल्म दिखेगा, असली शिवसेना कौन?

भारतMaharashtra Local Body Polls Result: विपक्ष ने महायुति की जीत के लिए 'पैसे की ताकत' और 'फिक्स्ड' ईवीएम का लगाया आरोप

भारतलोहा नगर परिषद चुनावः गजानन सूर्यवंशी, पत्नी गोदावरी, भाई सचिन, भाभी सुप्रिया, बहनोई युवराज वाघमारे और भतीजे की पत्नी रीना व्यावहारे की हार, भाजपा को झटका

भारतसातारा नगर परिषद अध्यक्षः 42,000 वोटों से जीते अमोल मोहिते, मंत्री शिवेंद्रसिंह भोसले ने कहा-मोहिते ने 57,596 और सुवर्णदेवी पाटिल को 15,556 वोट