ब्लॉग: राहगीरों को रौंदने वाली, धन्ना सेठों की यह कौन सी नस्ल है

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: May 22, 2024 12:38 IST2024-05-22T12:36:53+5:302024-05-22T12:38:34+5:30

पुणे में रविवार तड़के अंधाधुंध रफ्तार से लग्जरी कार चलाकर एक नाबालिग द्वारा बाइक सवार दो लोगों की जान लेने की घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली है।

Pune builder son Porche road accident blog | ब्लॉग: राहगीरों को रौंदने वाली, धन्ना सेठों की यह कौन सी नस्ल है

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Highlights पुणे की घटना के आरोपी नाबालिग ने पुलिस की पूछताछ में माना है कि उसने कार चलाने का प्रशिक्षण नहीं लिया थाफिर भी उसके पिता ने उसे अपनी महंगी कार देकर होटल में दोस्तों के साथ पार्टी करने की इजाजत दीआरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां से कुछ घंटे बाद ही उसे जमानत मिल गई

पुणे में रविवार तड़के अंधाधुंध रफ्तार से लग्जरी कार चलाकर एक नाबालिग द्वारा बाइक सवार दो लोगों की जान लेने की घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली है। सिर्फ इसलिए नहीं कि इसमें दो युवा इंजीनियरों की जान चली गई, बल्कि इसलिए भी कि धनकुबेर कहे जाने वाले कुछ लोग अपनी नई नस्लों को किस दिशा में धकेल रहे हैं।

पुणे की घटना के आरोपी नाबालिग ने पुलिस की पूछताछ में माना है कि उसने कार चलाने का प्रशिक्षण नहीं लिया था, उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, फिर भी उसके पिता ने उसे अपनी महंगी कार देकर होटल में दोस्तों के साथ पार्टी करने की इजाजत दी और उन्हें यह भी पता था कि उनका नाबालिग लड़का शराब भी पीता है।

रोंगटे तो यह खबर भी खड़ी कर देती है कि उस आरोपी को थाने लाए जाने के बाद वीआईपी ट्रीटमेंट देते हुए बाहर से पिज्जा और बर्गर तक मंगाकर खिलाया गया। यह बात भी कम हैरान नहीं करती है कि आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां से कुछ घंटे बाद ही उसे जमानत मिल गई और बोर्ड ने उसे आरटीओ जाकर यातायात नियम पढ़ने तथा 15 दिन के भीतर उसके समक्ष प्रस्तुति देने का निर्देश दिया। आदेश में कहा गया कि ‘सीसीएल (कानून का उल्लंघन करने वाला बच्चा) सड़क हादसे और उसका समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखेगा।

ऐसे में नागरिकों का यह सवाल उठाना स्वाभाविक है कि करोड़पति के बेटे को निबंध लिखने की शर्त पर छोड़ दिया गया। हालांकि पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार द्वारा नाबालिग के खिलाफ वयस्क की तरह मुकदमा चलाने की मांगी गई अनुमति को किशोर न्याय बोर्ड की निचली अदालत द्वारा खारिज किए जाने के बाद पुलिस ने ऊपरी अदालत से आरोपी पर वयस्क अभियुक्त के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। पुलिस आयुक्त का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

निश्चित रूप से कानून को लकीर के फकीर की तरह काम नहीं करना चाहिए, बल्कि अपराध और परिस्थिति की गंभीरता को भी ध्यान में रखना चाहिए। ऐसे मामलों में अपराधी तो दोषी होता ही है, उसकी उम्र अगर कम हो तो अभिभावक को भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि बच्चों को सही राह दिखाने की जिम्मेदारी उन्हीं की होती है, जिससे वे इंकार नहीं कर सकते।

हैरतअंगेज तो यह है कि पैसे वाले कुछ लोग सबकुछ जानते हुए भी अपने बच्चों को गलत राह पर जाने देते हैं। एक अपराध वह होता है जो अनजाने में होता है और अपराधी को उस पर पछतावा भी होता है। लेकिन पैसों के गुरूर में अगर कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाएं तो सजा भी ऐसी होनी चाहिए कि फिर कोई इस तरह का दुस्साहस न कर सके।

Web Title: Pune builder son Porche road accident blog

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