प्रकाश बियाणी का कॉलमः डूबते जहाज की सवारी से बचें

By Prakash Biyani | Published: October 1, 2019 06:49 AM2019-10-01T06:49:39+5:302019-10-01T06:49:39+5:30

पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान ने यूएन के मंच से कहा है कि सारी दुनिया में मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है जो अब सहन नहीं किया जाएगा, हम मरने और मारने को तैयार हैं, कश्मीर में भी कफ्यरू हटने के बाद सड़कों पर खून बहेगा, वहां नरसंहार होगा.

Prakash Biyani's column: Avoid the sinking ship ride | प्रकाश बियाणी का कॉलमः डूबते जहाज की सवारी से बचें

प्रकाश बियाणी का कॉलमः डूबते जहाज की सवारी से बचें

कश्मीर के मुद्दे पर भारत को दुनिया का समर्थन मिल गया है. भारत दुनिया को यह समझाने में सफल रहा है कि अनुच्छेद 370 हटाना और जम्मू-कश्मीर व लेह लद्दाख का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला है. इससे पड़ोसी देशों की सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है. अब सवाल है, कश्मीर में प्रतिबंध हटने के बाद स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान ने यूएन के मंच से कहा है कि सारी दुनिया में मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है जो अब सहन नहीं किया जाएगा, हम मरने और मारने को तैयार हैं, कश्मीर में भी कफ्यरू हटने के बाद सड़कों पर खून बहेगा, वहां नरसंहार होगा. ऐसा सोचनेवाले इमरान अकेले नहीं हैं. सरहद के इस पार अनेक लोग यह मनौती मांग रहे हैं कि कश्मीर में खून बहे.

विडंबना यह है कोई यह नहीं पूछ रहा है कि कश्मीर के लोग भारत से अलग क्यों होना चाहते हैं? भारत में क्या कमी है? भारत में ऐसा क्या नहीं है, जो पाकिस्तान में है? अगर कश्मीर लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग के लिए अलग होना चाहता तो विश्व-समुदाय भी उसका समर्थन करता, पर भारत धर्म या संप्रदाय के आधार पर एक और बंटवारा सहन करने को तैयार नहीं है. 70 साल से चली आ रही कश्मीर समस्या का कोई हल भारत को खोजना ही था. 

अलगाववाद और आतंकवाद के संरक्षण को बर्दाश्त करने की एक सीमा थी. इसके लिए धारा 370 को समाप्त करना, प्रतिबंध लगाना, अलगाववादियों को गिरफ्तार करना या स्थानीय नेताओं की नजरबंदी जरूरी थी. ये लोग वहां पाकिस्तान और इस्लामिक स्टेट के झंडे फहरा रहे थे. आतंकवाद को  संरक्षण दे रहे थे. भारतीय सेना पर पत्थर बरसा रहे थे. कश्मीर आतंक का केंद्र बन रहा था. इससे सीमा पर खतरा बढ़ रहा था. अब उम्मीद करें कि घाटी के बाशिंदे अपने अस्तित्व को बचाने के लिए पाक के दुष्प्रचार की सच्चाई को समङोंगे और डूबते जहाज की सवारी करने से बचेंगे.

Web Title: Prakash Biyani's column: Avoid the sinking ship ride

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