ब्लॉग: सत्ता के फाइनल की मोर्चाबंदी में जुटे दल

By राजकुमार सिंह | Published: December 23, 2023 12:08 PM2023-12-23T12:08:53+5:302023-12-23T12:11:18+5:30

सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन की अगुवा भाजपा तो हमेशा चुनावी मोड में रहती ही है।

Parties busy barricading the final of power | ब्लॉग: सत्ता के फाइनल की मोर्चाबंदी में जुटे दल

फाइल फोटो

सेमीफाइनल समाप्त होते ही सत्ता के खिलाड़ी फाइनल की तैयारी में जुट गए हैं। शीतकालीन सत्र में रिकॉर्ड संख्या में विपक्षी सांसदों के निलंबन से गरमाई राजनीति के बीच ही 28 दलों के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक हो चुकी है तो कांग्रेस कार्यसमिति भी आगामी लोकसभा चुनावों पर चिंतन कर चुकी है।

सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन की अगुवा भाजपा तो हमेशा चुनावी मोड में रहती ही है। जाहिर है, हिंदी पट्टी के तीन बड़े राज्यों : राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद भाजपा के हौसले आसमान छू रहे हैं लेकिन विपक्ष के पास भी हताशा से उबरकर हार की समीक्षा करते हुए और बड़ी चुनावी जंग के लिए तैयार होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

यह संतोषजनक है कि हाल के विधानसभा चुनावों में आई परस्पर तल्खी से उबर कर विपक्षी गठबंधन के घटक दल लोकसभा चुनाव में भाजपानीत एनडीए से एकजुट मुकाबले को तत्पर दिख रहे हैं।

19 दिसंबर की बैठक में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम फेस बनाने का सुझाव भी दे दिया। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसका समर्थन भी किया, पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप ही रहे।

इस चुप्पी के अपने-अपने नजरिये से अर्थ निकाले जा रहे हैं, पर खुद खड़गे ने बाद में पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा, जब विपक्ष के पास बहुमत का आंकड़ा होगा।

बेशक तकनीकी रूप से खड़गे सही हैं। विपक्ष को बहुमत मिलेगा, तभी तो प्रधानमंत्री चुनने की जरूरत होगी, लेकिन नरेंद्र मोदी का चेहरा जिस तरह भाजपा की सबसे बड़ी चुनावी ताकत बना हुआ है, उसे चुनौती देना भी विपक्ष की चुनावी रणनीति की प्राथमिकताओं में होना चाहिए।

दक्षिण भारत से आनेवाले दलित वर्ग के अनुभवी नेता खड़गे को पीएम फेस बना कर भाजपा को वह चुनौती देने की कोशिश की जा सकती है। इससे दक्षिण भारत और दलित वर्ग को प्रधानमंत्री पद मिलने का संदेश जाएगा। दक्षिण भारत से लोकसभा के 130 सांसद चुने जाते हैं, जबकि दलित वर्ग से अभी तक कोई प्रधानमंत्री नहीं बना है।

Web Title: Parties busy barricading the final of power

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