भाजपा ने अपने पुराने गठबंधन: एनडीए का रजत जयंती वर्ष में विस्तार करते हुए कुनबा 38 दलों तक पहुंचा दिया था। इशारा अगले लोकसभा चुनावों की ओर था, मगर इस बीच विधानसभा चुनाव की परीक्षा में ही दोनों गठबंधन फेल होते नजर आ रहे हैं। ...
हर साल सर्दियों की आहट के साथ ही दिल्लीवासियों की सांसों पर संकट शुरू होता है। धीरे-धीरे यह संकट पूरे एनसीआर में फैल जाता है, पर इससे निपटने के आधे-अधूरे सरकारी प्रयास भी तभी शुरू होते हैं, जब दम घुटने लगता है। ...
नवंबर में हो रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कम-से-कम चार दल कांग्रेस, आप, सपा और जदयू परस्पर ताल ठोंक रहे हैं। तेलंगाना और मिजोरम में क्षेत्रीय दल बीआरएस और मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता में हैं। ...
भाजपा के लिए दक्षिण भारत की राजनीति की डगर लगातार मुश्किल होती दिख रही है। त्रिकोणीय मुकाबले के बावजूद कांग्रेस ने जिस प्रचंड बहुमत से कर्नाटक की सत्ता छीनी, वह भाजपा के चुनाव प्रबंधन महारत के आत्मविश्वास को हिलाने वाला रहा। ...
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता के लिए मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होगा। अपने-अपने गठबंधनों के साथ ये दोनों ही अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव में केंद्रीय सत्ता के दावेदार भी हैं। ...
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 सीटों में से 24 सीटें भाजपा की झोली में गई थीं, जबकि मध्य प्रदेश की 29 सीटों में 28 सीटों पर कमल खिला था। ...
पिछली बार 200 सदस्यीय विधानसभा में 73 सीटों के साथ भाजपा तो सत्ता की दौड़ में बहुत पीछे छूट गई थी, लेकिन बहुमत का आंकड़ा (101) कांग्रेस भी नहीं छू पाई थी। अशोक गहलोत की जादूगरी भी कह सकते हैं कि बसपा के छह, माकपा के दो और 12 निर्दलीयों के बीच जुगाड़ ...