निरंकार सिंह का ब्लॉग: खेती ही देश को मंदी से बाहर निकालेगी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 20, 2020 09:25 IST2020-04-20T09:25:20+5:302020-04-20T09:25:20+5:30

भारत की कुल आबादी का 58 फीसदी हिस्सा खेती पर निर्भर है. देश की अर्थव्यवस्था में खेती का 256 अरब डॉलर का योगदान है. देश के किसान उसकी आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं. इसलिए देश के राजनीतिक और इसके आर्थिक विकास के लिए कृषि की स्थिति हमेशा महत्वपूर्ण रही है. यह आधुनिकीकरण के दौरान भी महत्वपूर्ण रहेगी.

Nirankar Singh blog: Only agriculture will lift the country out of recession | निरंकार सिंह का ब्लॉग: खेती ही देश को मंदी से बाहर निकालेगी

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

कोरोना संकट के बाद देश को खेती ही मंदी से बाहर निकालेगी. इस लॉकडाउन का खेती पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ा है. हालांकि कई प्रदेशों में फसल काटने वाले मजदूरों की उपलब्धता सामान्य समय की तुलना में इस बार कम है.

केंद्रीय गृह मंत्रलय ने लॉकडाउन 2.0 के दौरान कम जोखिम वाले क्षेत्रों में छूट संबंधी गाइलाइन जारी की है. कोरोना मुक्त इलाकों में यह छूट 20 अप्रैल से लागू होगी.

कटाई और आने वाले दिनों में नए बुवाई सीजन के शुरू होने के मद्देनजर खेती-किसानी से जुड़े कामों को खास छूट दी गई है. हालांकि, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा.  

खेती से जुड़ी सभी गतिविधियां चालू रहेंगी, किसानों और कृषि मजदूरों को हार्वेस्टिंग से जुड़े काम करने की छूट रहेगी.  

सर्दियों के थोड़ा लंबा खिंच जाने और मार्च में हुई बेमौसम की बारिश की वजह से इस बार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में गेहूं की फसल की कटाई देर से हो रही है. उत्तर प्रदेश में गन्ने की कटाई और फसल की बुवाई ज्यादातर स्थानीय मजदूरों के भरोसे होती है. खेती को इस संकट से बचाने के लिए और भी प्रयास किए जाने की जरूरत है़.

भारत की कुल आबादी का 58 फीसदी हिस्सा खेती पर निर्भर है. देश की अर्थव्यवस्था में खेती का 256 अरब डॉलर का योगदान है. देश के किसान उसकी आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं. इसलिए देश के राजनीतिक और इसके आर्थिक विकास के लिए कृषि की स्थिति हमेशा महत्वपूर्ण रही है. यह आधुनिकीकरण के दौरान भी महत्वपूर्ण रहेगी.

कृषि हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की नींव है. यह 130 करोड़ लोगों का पेट भरती है. हल्के उद्योग के लिए कच्चे माल की जरूरतों की 70 फीसदी आपूर्ति, औद्योगिक उत्पादों के लिए बाजार प्रदान और निर्माण के लिए धन जमा करती है.

पिछले 30 से भी ज्यादा सालों के दौरान यह बार-बार देखा गया है कि कृषि उत्पादन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास पर काफी हद तक असर डालता है और निर्माण के पैमाने और गति को प्रत्यक्ष रूप से निर्धारित करता है.

जब भी फसल खराब हुई है तो उसके तत्काल बाद हल्के और भारी औद्योगिक उत्पादन में भारी कमी आई है. उसके बाद जब कृषि की हालत सुधरी तो औद्योगिक उत्पादन दोबारा बढ़ना शुरू हो गया. इसलिए अर्थव्यवस्था की सुस्ती का मुकाबला करने के लिए सरकार को कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के साथ-साथ इसको आधुनिक बनाने पर जोर देना होगा.

Web Title: Nirankar Singh blog: Only agriculture will lift the country out of recession

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे