वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: भारत के लिए खुले व्यापार के नए रास्ते

By वेद प्रताप वैदिक | Published: February 22, 2022 06:37 PM2022-02-22T18:37:28+5:302022-02-22T18:37:28+5:30

रत का व्यापार और परस्पर विनिवेश शायद दुनिया में सबसे ज्यादा यूएई के साथ हो सकता है। इस समय दोनों का आपसी व्यापार 60 अरब डॉलर के आसपास है। इसे 100 अरब डॉलर होने में पांच साल भी नहीं लगेंगे, क्योंकि यूएई अपने आप में छोटा देश है लेकिन यह सारे अरब देशों और सारे अफ्रीकी महाद्वीप का मुहाना है।

New Path open to trade for india | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: भारत के लिए खुले व्यापार के नए रास्ते

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: भारत के लिए खुले व्यापार के नए रास्ते

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच जो व्यापारिक समझौता अभी-अभी हुआ है, वह इतना महत्वपूर्ण है कि कुछ ही वर्षो में हमारे इन दोनों देशों का व्यापार न सिर्फ दोगुना हो जाएगा बल्किमैं यह कह दूं तो आश्चर्य नहीं होगा कि भारत का व्यापार और परस्पर विनिवेश शायद दुनिया में सबसे ज्यादा यूएई के साथ हो सकता है।

इस समय दोनों का आपसी व्यापार 60 अरब डॉलर के आसपास है। इसे 100 अरब डॉलर होने में पांच साल भी नहीं लगेंगे, क्योंकि यूएई अपने आप में छोटा देश है लेकिन यह सारे अरब देशों और सारे अफ्रीकी महाद्वीप का मुहाना है। इसके जरिए आप इन दोनों क्षेत्नों में आसानी से पहुंच सकते हैं। दूसरे शब्दों में अबुधाबी से व्यापार करने का अर्थ है, दर्जनों देशों से लगभग सीधे जुड़ना। भारत का ज्यादातर माल जो कराची और लाहौर के बाजारों में बिकता है, वह कहां से आता है? वह दुबई से ही निर्यात होता है।

यूएई में भारत के लगभग 40 लाख लोग रहते हैं। एक करोड़ की जनसंख्या में 40 लाख भारतीय, 15 लाख पाकिस्तानी और शेष पड़ोसी राष्ट्रों के लाखों नागरिकों को दुबई-अबुधाबी में देखकर यह लगता ही नहीं है कि हम विदेश में हैं। यूएई छोटा-मोटा भारत ही लगता है। ऐसा भारत जो संपन्न है, सुशिक्षित है और जिसमें सांप्रदायिक सद्भाव है। यूएई एक मुस्लिम राष्ट्र होते हुए भी भारत की तरह अत्यंत उदार और सर्वसमावेशी राष्ट्र है। इसमें रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म पालन की पूर्ण स्वतंत्रता है।

अबुधाबी के शेख नाह्यान मुबारक भारतीयों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं। हमारे व्यापार मंत्नी पीयूष गोयल ने वहां जाकर जो एतिहासिक व्यापारिक समझौता किया है, वह भारत के व्यापार को तो बढ़ाएगा ही, वह लगभग डेढ़ लाख नए रोजगार भी पैदा करेगा। भारत के 90 प्रतिशत निर्यात पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। कुछ ही वर्षो में यह कर-मुक्ति शत प्रतिशत हो जाएगी।

पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी दुबई गए थे। उन्होंने विनियोग के लिए कश्मीर के दरवाजे खोल दिए हैं। जब यूएई के करोड़ों-अरबों रुपए कश्मीर में लगने लगेंगे तो कश्मीर की हालत पहले से कहीं बहुत बेहतर हो जाएगी। 

यूएई और सऊदी अरब, दोनों ने धारा 370 के मामले में पाकिस्तान की आवाज में आवाज नहीं मिलाई है। वे अब भारत के ज्यादा नजदीक आते जा रहे हैं और कहा जा सकता है कि भारत के लिए अब व्यापार के नए रास्ते खुलते जा रहे हैं, जिसका पूरा फायदा भारत को उठाना चाहिए।

Web Title: New Path open to trade for india

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