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डॉक्टर जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: अमेरिका से व्यापार का अब नया अध्याय

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: December 4, 2021 09:24 IST

अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौते से चालू वित्त वर्ष 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर के आंकड़े को सरलता से पार करते हुए दिखाई दे सकेगा।

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इस समय अमेरिका के साथ भारत का व्यापार बढ़ने, निर्यात बढ़ने और आईटी आउटसोर्सिग कारोबार बढ़ने का नया परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है। 23 नवंबर को भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) 2021 के तहत दोनों देशों के बीच एक महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता हुआ है। नए व्यापार समझौते से भारत के कृषि उत्पादकों के निर्यातकों के लिए अमेरिकी बाजारों के रास्ते अब पूरी तरह खुल गए हैं। 

अब भारत से अनार और अंगूर सहित कई उत्पादों को अमेरिकी बाजारों में निर्बाध रूप से भेजा जा सकेगा। इसके बदले अमेरिका अपने यहां की चेरी सहित कई उत्पादों को भारतीय बाजार में सरलता से भेज सकेगा। गौरतलब है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। अब इस नए समझौते से अमेरिका के साथ भारत का ऊंचाई भरा द्विपक्षीय कारोबार और बढ़ जाएगा।  

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार भी है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 88.75 अरब डॉलर का रहा जबकि 2018-19 में यह 87.96 अरब डॉलर रहा था। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना आपदा के कारण यह करीब 80 अरब डॉलर रहा था। 

अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौते से चालू वित्त वर्ष 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर के आंकड़े को सरलता से पार करते हुए दिखाई दे सकेगा। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि अमेरिका उन चुनिंदा देशों में एक है, जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है। हाल ही में अमेरिका के साथ हुए व्यापार समझौते से भारत के द्वारा अमेरिका को कृषि निर्यात बढ़ने की नई संभावनाएं उभरी हैं।  

कोरोना काल से लेकर अब तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान लगातार बढ़ा है। साथ ही कृषि निर्यात भी बढ़ा है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक भारत में चालू वित्त वर्ष में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन और रिकार्ड फल व सब्जियों का उत्पादन होने के अनुमानों के मद्देनजर इनके निर्यात की नई संभावनाएं भी बढ़ी हैं। 

ऐसे में अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौते के कारण अमेरिका को कृषि निर्यात बढ़ने के अनुमानों के कारण चालू वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि निर्यात पिछले वर्ष के 41.25 अरब डॉलर के स्तर को पार करने की पूरी संभावनाएं हैं। इसमें कोई दो मत नहीं है कि भारत-अमेरिका व्यापार का एक दौर तेजी से आगे बढ़ रहा है। ज्ञातव्य है कि विगत 24 सितंबर को प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की व्हाइट हाउस में बहुप्रतीक्षित पहली द्विपक्षीय वार्ता में जहां मोदी ने कहा था कि इस दशक में भारत-अमेरिका के संबंधों में कारोबार की अहम भूमिका होगी। 

वहीं बाइडेन ने कहा था कि दोनों देशों के संबंध पारिवारिक हैं, अब हमने दोनों देशों के संबंधों का नया अध्याय शुरू कर दिया है। निस्संदेह जो बाइडेन के द्वारा यह कहा जाना अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि भारतीय मूल के 40 लाख लोग अमेरिका में हैं और वे अमेरिका को रोज मजबूत बना रहे हैं। अमेरिका में रह रहे भारतीय कारोबारियों, वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और उद्योगपतियों की प्रभावी भूमिका अमेरिका की अर्थव्यवस्था में सराही जा रही है। 

वस्तुत: भारतीय मूल के लोग अमेरिका की महान पूंजी हैं। एक ओर जब अमेरिका में भारतीय प्रवासियों की अहमियत बढ़ी हुई है, वहीं अब अमेरिका में एक बार फिर भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर के बढ़ने की संभावनाएं बढ़ी हैं। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि एच-1बी वीजा के लिए जो बाइडेन उदारतापूर्वक आगे भी बढ़े हैं। 

चूंकि भारत की आईटी सेवाएं सस्ती और गुणवत्तापूर्ण हैं तथा ये आईटी सेवाएं अमेरिका के उद्योग कारोबार के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं, अतएव जो बाइडेन अमेरिका की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए भारत की आईटी सेवाओं का अधिक उपयोग लेने की रणनीति पर आगे बढ़े हैं। बाइडेन प्रशासन ने एक और आव्रजन अनुकूल कदम उठाया है। 

प्रशासन ने एच-1बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को काम करने के अधिकार संबंधी मंजूरी स्वत: मिलने पर सहमति जताई है। एच-1बी वीजा धारकों में बड़ी संख्या भारतीय आईटी पेशेवरों की है। हम उम्मीद करें कि 23 नवंबर को भारत-अमेरिका टीपीएफ के तहत हुआ समझौता दो लोकतांत्रिक देशों के विभिन्न क्षेत्रों में अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने और व्यापार संबंधों के मद्देनजर महत्वाकांक्षी भविष्य की ओर बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण आधार सिद्ध होगा।

हम उम्मीद करें कि दोनों देश स्वास्थ्य क्षेत्र, औषधि विनिर्माण, डिजिटल इकोनॉमी, सर्विस सेक्टर, कृषि, साइबर क्षेत्र, सेमीकंडक्टर, कृत्रिम मेधा, 5जी, 6जी और भविष्य की दूरसंचार प्रौद्योगिकी समेत महत्वपूर्ण क्षेत्नों में मजबूत जुड़ाव की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेंगे और खासतौर से भारत से अमेरिका को कृषि निर्यात और बढ़ेंगे। 

हम उम्मीद करें कि नए व्यापार समझौते से भारत और अमेरिका के बीच जो द्विपक्षीय व्यापार तेजी से आगे बढ़ेगा, उससे रोजगार के नए मौके निर्मित होंगे और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं भी लाभान्वित होंगी।

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