Modi 3.0 Cabinet: 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शीर्ष स्तर पर कोई बदलाव नहीं, विरोधी मोदी को तानाशाह या लोकतंत्र विरोधी की उपाधि देते रहे..., लेकिन

By अवधेश कुमार | Updated: June 14, 2024 12:09 IST2024-06-14T12:08:30+5:302024-06-14T12:09:52+5:30

Modi 3.0 Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2001 से अभी तक मुख्यमंत्री और  प्रधानमंत्री के रूप में कभी बहुमतविहीन सरकार नहीं चलाई.

Modi 3.0 Cabinet continuity in Modi cabinet blog Avadhesh Kumar no change top level 72-member cabinet opponents kept calling Modi dictator anti-democrat | Modi 3.0 Cabinet: 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शीर्ष स्तर पर कोई बदलाव नहीं, विरोधी मोदी को तानाशाह या लोकतंत्र विरोधी की उपाधि देते रहे..., लेकिन

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Highlightsमोदी गठबंधन सरकार नहीं चला पाएंगे क्योंकि उनका स्वभाव ही गैरलोकतांत्रिक है.विरोधी आलोचनाओं पर टिप्पणी करने की जगह हमें समय की प्रतीक्षा करनी चाहिए. मोदी के अंदर सरकार चलाने तथा काम करने की इच्छा है.

Modi 3.0 Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल के बारे में यह टिप्पणी उचित नहीं लगती कि इसके पीछे गठबंधन दलों के साथियों का बहुत ज्यादा दबाव है. 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शीर्ष स्तर पर कोई बदलाव नहीं हुआ है. गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और यहां तक कि सड़क परिवहन, रेल तथा शिक्षा मंत्री भी पूर्व सरकार के ही हैं. विरोधी मोदी को तानाशाह या लोकतंत्र विरोधी की उपाधि देते रहे हैं. उनकी आलोचना अभी भी जारी है और वे कह रहे हैं कि मोदी गठबंधन सरकार नहीं चला पाएंगे क्योंकि उनका स्वभाव ही गैरलोकतांत्रिक है.

इस तरह की विरोधी आलोचनाओं पर टिप्पणी करने की जगह हमें समय की प्रतीक्षा करनी चाहिए. यह बात सही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2001 से अभी तक मुख्यमंत्री और  प्रधानमंत्री के रूप में कभी बहुमतविहीन सरकार नहीं चलाई. वह जिस तरह बड़े कठोर निर्णय साहस के साथ करते रहे हैं उनका ध्यान करते हुए अनेक लोगों का मानना है कि यह स्वभाव गठबंधन सरकार चलाने के रास्ते की बाधा बन जाएगा. गठबंधन सरकार को लेकर लोग आशंकाएं उठाएंगे लेकिन मोदी के अंदर सरकार चलाने तथा काम करने की इच्छा है.

साथी दलों के सामने साथ मिलकर काम करने का जनादेश मिला है तो वो इसका ध्यान बिलकुल रखेंगे. वैसे मंत्रिमंडल गठन से लेकर विभागों के बंटवारे तक यह कहना कठिन है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दबाव में काम कर रहे हैं. थोड़े शब्दों में कहें तो नरेंद्र मोदी का 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल भारत के भविष्य को लेकर उनकी योजनाओं, राजनीतिक आवश्यकताओं, साथी दलों के बीच संतुलन बनाने के साथ अनुभव, उम्र आदि के बीच समन्वय बनाने की कोशिश है. पिछली सरकार के 37 मंत्री इसमें हैं. प्रधानमंत्री सहित कैबिनेट की संख्या 31 है. पिछली सरकार में कैबिनेट की संख्या 26 थी.

यह नीतियों और व्यवहार में निरंतरता का मंत्रिमंडल है. सीसीएस यानी सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2019 से हैं. इसलिए नीति में कोई बदलाव होगा ऐसा मानने का कोई कारण नहीं है.

वास्तव में भाजपा के अंदर बहुमत न मिलने से निराशा और चिंता अवश्य होगी किंतु 10 वर्षों के शासन में आंतरिक और बाह्य नीतियों में स्थायित्व आ चुका है. निश्चित रूप से विश्व की दृष्टि मंत्रिमंडल पर रही होगी और संदेश जा चुका है कि रक्षा, सुरक्षा, विदेश, वित्त सहित अन्य प्रमुख मामलों में नीतियां और व्यवहार स्थिर रहने वाली हैं.

सड़क परिवहन एवं अन्य निर्माण के क्षेत्र में नितिन गडकरी की भूमिका की प्रशंसा सभी दलों ने की है और सड़कों के मामले में भारत की विश्वस्तरीय पहचान बन चुकी है. विश्व भर के निवेशक सड़क सहित भारत की आधारभूत संरचना में निवेश करने के लिए खजाना खोल बैठे हैं और मंत्री परिषद की निरंतरता से वे आश्वस्त हुए होंगे. 

Web Title: Modi 3.0 Cabinet continuity in Modi cabinet blog Avadhesh Kumar no change top level 72-member cabinet opponents kept calling Modi dictator anti-democrat

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