Mizoram India's First Fully Literate State: मिजोरम ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय और प्रेरणादायक उपलब्धि हासिल की है. पूर्वोत्तर का यह छोटा सा राज्य अब देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है. यह उपलब्धि खास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने लंबे समय तक साक्षरता के मामले में शीर्ष पर रहने वाले केरल को पीछे छोड़ दिया है. देश की पिछली जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार, मिजोरम की साक्षरता दर 91.3 प्रतिशत थी, जो उस समय पूरे भारत में तीसरे स्थान पर थी. केरल और कुछ अन्य राज्यों के बाद मिजोरम इस क्षेत्र में शीर्ष राज्यों में से एक माना जाता था.
लेकिन अब यह दर बढ़कर 98.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो शिक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्ण साक्षरता के लिए निर्धारित 95 प्रतिशत की सीमा से कहीं अधिक है. मिजोरम की इस उपलब्धि के पीछे सरकार और विभिन्न संस्थाओं द्वारा किए गए कार्यों का बड़ा योगदान रहा है. अगस्त-सितंबर 2023 के दौरान राज्य भर में ‘क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर्स’ द्वारा घर-घर जाकर एक व्यापक सर्वेक्षण किया गया.
इस सर्वेक्षण में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के 3026 अशिक्षित व्यक्तियों की पहचान की गई. इनमें से 1692 लोगों को सक्रिय रूप से शिक्षण सत्रों से जोड़ा गया, जिससे उनकी साक्षरता दर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई. देश की कुल साक्षरता दर भी पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत थी, जो अब लगभग 85 प्रतिशत हो चुकी है.
यह वृद्धि भी शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता और सरकारों की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का परिणाम है. हालांकि इस वृद्धि की गति अपेक्षित नहीं थी, इसलिए जुलाई 2023 में केंद्र सरकार ने ‘उल्लास’ नामक नव-साक्षरता मिशन शुरू किया. इस अभियान का उद्देश्य न केवल साक्षरता दर को बढ़ाना था, बल्कि इसके लिए नए मानक स्थापित करना और राज्यों को तेजी से काम करने के लिए प्रेरित करना भी था.
मिजोरम इस अभियान के तहत किए गए प्रयासों का जीता-जागता उदाहरण बनकर उभरा है. मिजोरम की यह उपलब्धि यह भी दर्शाती है कि शिक्षा केवल आंकड़ों या नीतिगत घोषणाओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. यह असल में समाज के हर व्यक्ति की सोच, समझ और जीवन स्तर को प्रभावित करती है. एक पूर्ण साक्षर राज्य बनने का मतलब है कि वहां के नागरिक अपने अधिकारों, कर्तव्यों और अवसरों के प्रति पूरी तरह जागरूक हैं. इससे रोजगार, सामाजिक समरसता और आर्थिक विकास में भी वृद्धि होगी.