लाइव न्यूज़ :

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अग्निपरीक्षा से कम नहीं, सभी दल ने कसे कमर?

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 17, 2024 05:39 IST

Maharashtra-Jharkhand Chunav 2024 Dates: महाराष्ट्र में मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के बीच जोर-आजमाइश के रूप में नहीं  देखा जा रहा है.

Open in App
ठळक मुद्देMaharashtra-Jharkhand Chunav 2024 Dates: तीनों दलों का गठबंधन महायुति के नाम से जाना जाता है. Maharashtra-Jharkhand Chunav 2024 Dates: महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावों पर पूरे देश की निगाहें रहेंगी.Maharashtra-Jharkhand Chunav 2024 Dates: राकांपा को मिलाकर बनी महाविकास आघाड़ी से है.

Maharashtra-Jharkhand Chunav 2024 Dates: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा बुधवार कोे निर्वाचन आयोग ने कर दी. इसके साथ ही पक्ष-विपक्ष के बीच शक्ति-परीक्षण का एक और दिलचस्प दौर शुरू हो गया. सितंबर-अक्तूबर में ही हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था. हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी तो जम्मू-कश्मीर में भाजपा का मुकाबला कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन से था. हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने की बहुत बड़ी कीमत कांग्रेस को चुकानी पड़ी जबकि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ हाथ मिलाने के शानदार नतीजे सामने आए. महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावों पर पूरे देश की निगाहें रहेंगी.

निश्चित रूप से झारखंड से ज्यादा उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र उन महत्वपूर्ण प्रदेशों में से है जहां विधानसभा चुनाव के नतीजे देश की राजनीति की दशा एवं दिशा बदलने की क्षमता रखते हैं. महाराष्ट्र में मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के बीच जोर-आजमाइश के रूप में नहीं  देखा जा रहा है.

यहां भाजपा शिवसेना के शिंदे गुट तथा राकांपा को तोड़कर बने राकांपा (अजित गुट) के साथ मिलकर सरकार चला रही है और इन तीनों दलों का गठबंधन महायुति के नाम से जाना जाता है. उसका मुकाबला इंडिया गठबंधन के ही तीन दलों कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और मराठा दिग्गज शरद पवार द्वारा मूल रूप से स्थापित राकांपा को मिलाकर बनी महाविकास आघाड़ी से है.

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भी दोनों गठबंधनों के मुकाबले को महायुति बनाम महाविकास आघाड़ी के रूप में देखा गया था और विधानसभा चुनाव में भी उसी रूप में देखा जाएगा. पिछले पांच वर्षों में महाराष्ट्र ने बहुत ज्यादा राजनीतिक उथल-पुथल देखी है. भाजपा से उद्धव ठाकरे की नहीं बनी और उन्होंने कांग्रेस तथा राकांपा से हाथ मिलाकर महाविकास आघाड़ी सरकार बना ली.

यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी. वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर अपनी अलग शिवसेना बना ली और उनके बाद अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को झटका देते हुए अपनी अलग राकांपा बना ली. शिंदे की बगावत ने उद्धव सरकार का तख्ता पलट दिया तो अजित पवार के चाचा का साथ छोड़कर भाजपा से हाथ मिला लेने के फलस्वरूप एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार काफी मजबूत हो गई. इन सब घटनाक्रमों के बाद लोकसभा चुनाव भाजपा, शिंदे तथा अजित पवार की महायुति और कांग्रेस, उद्धव तथा शरद पवार  के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए थे.

विशेषकर उद्धव तथा शरद पवार के सामने यह साबित करने की चुनौती थी कि उनके दलों का वोट बैंक शिंदे व अजित पवार के साथ नहीं गया है. लोकसभा चुनाव की कसौटी पर शरद पवार तथा उद्धव ठाकरे खरे उतरे तथा महाविकास आघाड़ी ने 48 में से 30 लोकसभा सीटें जीत लीं. सांगली की एक सीट कांग्रेस के बागी विशाल पाटिल ने जीत ली.

विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी के सामने लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराने की कठिन चुनौती है तो सत्तारूढ़ महायुति में भाजपा के सामने अपना खोया जनाधार वापस पाने और अजित पवार एवं एकनाथ शिंदे के सामने अपने राजनीतिक वजूद को मजबूती से स्थापित करने की अग्निपरीक्षा है.

एक बात तय है कि लोकसभा चुनाव का माहौल अब नहीं रहा और महायुति ने अपनी खोई जमीन पाने के लिए कड़ी मेहनत की है. ‘लाडकी बहीण’ जैसी योजनाएं तथा भाजपा नेताओं, अजित पवार व एकनाथ शिंदे का सतत जनसंपर्क इसके उदाहरण हैं. महाविकास आघाड़ी भी जमीनी यथार्थ को समझती है क्योंकि उसके पास शरद पवार जैसा अनुभवी तथा रणनीति बनाने में माहिर नेता है.

आघाड़ी की तीनों पार्टियों के नेता भी लगातार जनसंपर्क में जुटे हैं. ये चुनाव उद्धव तथा शरद पवार की राजनीतिक साख के लिहाज से भी निर्णायक साबित हो सकते हैं. चुनाव में हार-जीत तो चलती रहती है लेकिन राजनेताओं से जनता की अपेक्षा है कि चुनाव के दौरान लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखें और एक आदर्श चुनाव का उदाहरण पेश करें.

टॅग्स :महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024झारखंड विधानसभा चुनाव 2024BJPकांग्रेसराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीशिव सेनाअजित पवारएकनाथ शिंदेदेवेंद्र फड़नवीसहेमंत सोरेन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतकौन थे स्वराज कौशल? दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज के पति का 73 साल की उम्र में हुआ निधन

भारतझारखंड में संभावित सियासी उलटफेर की खबरों पर कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं है तैयार, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार है गरम

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील