ब्लॉग: मित्र देशों को भारत ने दिया सम्मान
By आरके सिन्हा | Published: September 11, 2023 10:45 AM2023-09-11T10:45:56+5:302023-09-11T10:47:12+5:30
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की। बेशक दोनों करीबी देश तो हैं, पर इनके बीच कई मसले भी हैं।
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में अपने करीबी मित्र देशों जैसे बांग्लादेश, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात वगैरह को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित करके मित्र धर्म का निर्वाह किया है।
भारत-बांग्लादेश के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद तो होते ही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद के बीच मधुर संबंधों के चलते दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा मिल रही है।
ये दोनों देश सार्क, बिम्सटेक, हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ और राष्ट्रकुल के सदस्य भी हैं. विशेष रूप से, बांग्लादेश और पूर्व भारतीय राज्य जैसे पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा बांग्ला भाषा बोलने वाले प्रांत हैं।
शेख हसीना का भारत के प्रति बहुत कृतज्ञता का भी भाव है। उन्हें भारत ने 1975-1981 के दरम्यान शरण दी थी। वे तब राजधानी में अपने पति और दोनों बच्चों के साथ निर्वासित जीवन बिता रही थीं।
उनके पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब-उर-रहमान, मां और तीन भाइयों की 15 अगस्त, 1975 को हत्या कर दी गई थी। उस भयावह हत्याकांड के दौर में शेख हसीना अपने पति एम.ए.वाजिद मियां और दो बच्चों के साथ जर्मनी में थीं।
तब भारत सरकार ने उन्हें उनके परिवार के साथ भारत में शरण दी थी। उस वक्त उनका बांग्लादेश वापस जाने का सवाल ही नहीं था। तब शेख हसीना सपरिवार भारत आ गईं।
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ के साथ भी आपसी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर चर्चा की। मॉरीशस को लघु भारत या भारत से बाहर भारत कहा जाता है।
वहां भारतवंशी बहुमत में हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2015 में अपनी मॉरीशस यात्रा के दौरान महत्वाकांक्षी नीति सागर की शुरुआत की भारत के लिए मॉरीशस में सामरिक दृष्टिकोण से अपार संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की। बेशक दोनों करीबी देश तो हैं, पर इनके बीच कई मसले भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी और यूएई के नेताओं के बीच बातचीत से वहां काम करने वाले लाखों कुशल-अकुशल भारतीय श्रमिकों की जिंदगी में सुधार आएगा।