तरोताजा होने के लिए स्लीप टूरिज्म का बढ़ रहा चलन

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 25, 2025 06:54 IST2025-01-25T06:53:27+5:302025-01-25T06:54:05+5:30

खास बात इसमें यह है कि यह तकिया लिनन तथा विलो पेड़ों की छालों तथा पेड़ों के अन्य भागों से बनता है

Growing trend of sleep tourism to refresh yourself | तरोताजा होने के लिए स्लीप टूरिज्म का बढ़ रहा चलन

तरोताजा होने के लिए स्लीप टूरिज्म का बढ़ रहा चलन

रेणु जैन

इन दिनों स्लीप टूरिज्म का प्रचलन चल रहा है, जिसे नेपकेशंस या नैप हॉलिडे के नाम से भी जाना जाता है. पर्यटन क्षेत्र का यह नया चलन सुनने में भले ही आश्चर्यजनक लगे, लेकिन कोविड-19 के बाद स्लीप टूरिज्म एक तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग बन गया है. आश्चर्य यह भी है कि इस उद्योग में 2028 तक 400 बिलियन डॉलर का उछाल होने के आसार हैं.

इस यात्रा का उद्देश्य दर्शनीय स्थलों, समुद्र तटों, लजीज व्यंजन, ढेरों फोटोज या अन्य तरीकों से यादगार बनाना नहीं है बल्कि पूरी तरह से आराम करना और सोना है. होटल के कमरे की साज-सज्जा से लेकर आसपास ऐसा वातावरण निर्मित करना है जिसमें बिना किसी बाधा के नींद आ सके.

भले आज स्लीप टूरिज्म की डिमांड तेजी से बढ़ रही है लेकिन इतिहासकारों की मानें तो 4000 ईसा पूर्व सुमेरियों ने अपने बाग-बगीचों के आसपास गर्म झरनों, रंगबिरंगे फूलों से लदी क्यारियों, फूलों से सजे-धजे झूले का इस्तेमाल बड़ी सूझबूझ से किया था. जिसका उद्देश्य यही था कि यहां आकर मानसिक थकान से निजात भी मिले तथा सुकून की नींद का लुत्फ भी उठा सकें.

प्राचीन सभ्यताओं के दौरान इस तरह के परिसर फलते-फूलते रहे. ठीक उसी तरह जिस तरह प्राचीन भारत में योग तथा आयुर्वेद की परंपराओं में कई ऐसी प्रक्रियाएं होती थीं जिसमें व्यक्ति खुद को शांत बना सके. प्राचीन ऋषि-मुनि खुद को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक तरीके योगासन को अच्छी नींद के लिए भी इस्तेमाल करते थे.

जहां अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने अपर्याप्त नींद को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या घोषित किया है, वहीं इस समस्या से यूरोप के कई बड़े देशों के साथ जापान, तथा कनाडा जैसे कई देश जूझ रहे है. स्लीप टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे लोकप्रिय हो रही है तो हवाई अड्डों से लेकर होटलों में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित हाईटेक बेड, कुशन, स्वास्थ्य के प्रति सजग भोजन और स्लीप एडवाइजर्स की सलाह ली जा रही है.

एक सर्वे के मुताबिक 2023 में बहुत से लोग सिर्फ सुकून वाली नींद के लिए ही ट्रैवल कर रहे हैं. न्यूयाॅर्क से लेकर लंदन की होटलों में ऐसे कमरे डिजाइन किए गए हैं जो सेफ होने के साथ बाहर के शोरगुल से आपको मुक्त रखते हैं. यहां आपका ध्यान किसी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र यानी नेचुरोपैथी सेंटर्स की तरह रखा जाता है. 2015 में लॉन्च हुए बूटस्ट्रेप्ड स्टार्टअप ने एक टिकाऊ और आरामदायक तकिया ईजाद किया है.

70 से अधिक प्रकार के तकियों को व्हाइट विलो जैसा नाम भी इसलिए दिया गया है क्योंकि खास बात इसमें यह है कि यह तकिया लिनन तथा विलो पेड़ों की छालों तथा पेड़ों के अन्य भागों से बनता है. विशेष बात यह है कि इन पेड़ों में औषधीय गुण होते हैं जो चिंता, तनाव तथा दर्द को कम करने में सहायक होते हैं.

Web Title: Growing trend of sleep tourism to refresh yourself

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