जयंतीलाल भंडारी- ब्लॉग: निर्यात से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 4, 2023 01:22 PM2023-04-04T13:22:58+5:302023-04-04T13:25:07+5:30
इस समय भारत के तेजी से बढ़ते निर्यातों का ग्राफ इस बात का प्रतीक है कि भारतीय उत्पादों की मांग दुनियाभर में बढ़ रही है।
इस समय वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भी देश के निर्यात बढ़ रहे हैं। भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 में गुड्स एंड सर्विस एक्सपोर्ट में 676 अरब डॉलर मूल्य का रिकॉर्ड निर्यात किया है।
वित्त वर्ष 2022-23 में भारत से निर्यात 760 अरब डॉलर मूल्य की ऊंचाई पर है। अब यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार के द्वारा एक अप्रैल 2023 से लागू की गई नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 से निर्यात तेजी से बढ़ेंगे और वर्ष 2030 तक 2000 अरब डॉलर निर्यात का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा।
ऐसे में बढ़ते हुए निर्यात के कारण देश की विकास दर भी लगातार बढ़ेगी और भारत 2047 तक दुनिया का विकसित देश बन जाएगा।
इस समय भारत के तेजी से बढ़ते निर्यातों का ग्राफ इस बात का प्रतीक है कि भारतीय उत्पादों की मांग दुनियाभर में बढ़ रही है। यदि हम उत्पाद निर्यात के नए आंकड़ों का विश्लेषण करें तो पाते हैं कि प्रमुख रूप से निर्यात अमेरिका, यूएई, चीन, बांग्लादेश व नीदरलैंड को किए गए हैं।
पेट्रोलियम उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चमड़ा, कॉफी, प्लास्टिक, रेडीमेड परिधान, मांस एवं दुग्ध उत्पाद, समुद्री उत्पाद और तंबाकू की निर्यात वृद्धि में अहम भूमिका रही है। साथ ही उच्च इंजीनियरिंग निर्यातों, परिधान और वस्त्र निर्यात आदि से संकेत मिलते हैं कि यह धारणा धीरे-धीरे बदल रही है कि भारत प्राथमिक जिंसों का ही बड़ा निर्यातक है।
अब भारत के द्वारा अधिक से अधिक मूल्यवर्धित और उच्च गुणवत्ता वाले सामानों का निर्यात भी किया जा रहा है। देश को निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमें कई बातों पर ध्यान देना होगा।
भारत के द्वारा अब यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के छह देशों, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और इजराइल के साथ एफटीए के लिए वार्ताएं तेजी से पूरी करनी होंगी।
रिजर्व बैंक के द्वारा डिजिटल रुपए की जो प्रायोगिक शुरुआत हुई है, उसे अब शीघ्रता से विस्तारित करना होगा। निर्यात बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान में मैन्युफैक्चरिंग के तहत चिह्नित 24 सेक्टर को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाना होगा।
विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की भूमिका निर्यात बढ़ाने में अहम बनानी होगी। ऐसे रणनीतिक प्रयासों और नई विदेश व्यापार नीति के उपयुक्त कार्यान्वयन से भारत निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था बनने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगा और वर्ष 2030 तक वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात के लिए निर्धारित दो लाख करोड़ डॉलर का लक्ष्य प्राप्त कर सकेगा।