युवाओं की घटती संख्या और बढ़ती बेरोजगारी

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 27, 2018 06:01 AM2018-06-27T06:01:15+5:302018-06-27T06:01:15+5:30

2011 में इस आयु वर्ग का आबादी में हिस्सा 34़ 8 प्रतिशत था, जो 2021 की जनगणना में घटकर 33.5 प्रतिशत रह जाएगा और 2031 की जनगणना में यह भागीदारी घटकर 31.8 प्रतिशत रह जाएगी।

Decreasing number of youth and increasing unemployment | युवाओं की घटती संख्या और बढ़ती बेरोजगारी

युवाओं की घटती संख्या और बढ़ती बेरोजगारी

प्रमोद भार्गव

नई दिल्ली, 27 जून: भारत में युवाओं की घटती संख्या के बावजूद बेरोजगारी का संकट बरकरार है। देशभर के नेता यह दावा करते रहे हैं कि भारत एक युवा देश है, क्योंकि हमारी 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर बड़ी आबादी युवाओं की है। इससे यह अनुमान लगाया गया है कि यही वह वर्ग है, जो भारत के भविष्य का निर्धारण करेगा। इसी की बदौलत ये अटकलें लगाई गई हैं कि भारत विकास यात्र में विश्व का अग्रणी देश बन सकता है। लेकिन युवाओं की संभावनाओं से जुड़ा यह एकमात्र पहलू है, तथ्य नहीं। इसके उलट भारत सरकार के ही ‘सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रलय की रिपोर्ट ‘भारत में युवा’ का आकलन है कि भारत की आबादी में युवाओं की जनसंख्या घट रही है। 

इस रिपोर्ट में 15 से 34 वर्ष आयु वर्ग को युवा श्रेणी में रखा गया है। 2011 में इस आयु वर्ग का आबादी में हिस्सा 34़ 8 प्रतिशत था, जो 2021 की जनगणना में घटकर 33.5 प्रतिशत रह जाएगा और 2031 की जनगणना में यह भागीदारी घटकर 31.8 प्रतिशत रह जाएगी। दुर्भाग्य यह है कि युवाओं के घटते अनुपात के बावजूद हम पर्याप्त रोजगार के नए अवसर सृजित नहीं कर पा रहे हैं। 

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एक अर्से से यह सुनते-सुनते कान पकने लगे हैं कि हमारी युवा आबादी हमारे लिए ‘डेमोग्राफिक डिविडेंड’ की थीसिस के आधार पर लाभांश की तरह है। परंतु देश को इसका कितना लाभ मिल पाया है, इस पहलू पर विचार जरूरी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि युवाओं की शक्ति, उनकी क्षमता और श्रम का लाभ मिल सकता है, लेकिन यह तब संभव है जब हम उन्हें कुशल और सक्षम बनाने के साथ रोजगार के अवसर से जोड़ें। उनके उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने के तरीकों को सरल करें। सरकारें और नेता युवा ताकत का गुणगान तो खूब करते हैं, लेकिन बात कुछ करने की आती है तो बगलें झांकने लगते हैं। 

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मध्य-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन माह पहले तक शिक्षाकर्मियों के 67,000 पद भरने का दावा कर रहे थे, किंतु ऐसा न करते हुए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र को 60 से बढ़ाकर 62 करके नए रोजगार के अवसर को बट्टे खाते में डाल दिया गया। जबकि कई उम्रदराज लोग कम्प्यूटर तकनीक से अछूते हैं। ऐसे ही अतार्किक उपायों के चलते बेरोजगारी युवा पीढ़ी के लिए बड़ी समस्या बन गई है। 

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Web Title: Decreasing number of youth and increasing unemployment

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