ब्लॉग: एक हजार रु. के बदले ले लिया आधा पाकिस्तान
By राजेश कुमार यादव | Published: December 16, 2023 05:09 PM2023-12-16T17:09:50+5:302023-12-16T17:11:46+5:30
1971 की जंग में पाकिस्तान के सरेंडर करने के बाद मानेकशॉ ने कहा था कि याह्या ने आधे देश के बदले में उनकी मोटरसाइकिल का दाम चुका दिया। सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में जब युद्ध लड़ा गया, तो भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था।
नई दिल्ली: 16 दिसंबर 1971 का वो दिन बेहद ही खास था जब दुनिया के मानचित्र पर एक नए राष्ट्र का उदय हुआ जिसे हम सब बांग्लादेश के नाम से जानते हैं। देश में जब-जब 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की बात होगी और इस युद्ध के जीत का जिक्र किया जाएगा, तो बिना सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ उर्फ ‘सैम बहादुर’ का नाम लिए बिना ये कहानी अधूरी ही रह जाएगी। मानेकशॉ के कुशल नेतृत्व, सूझबूझ, साहस और पराक्रम ने बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना की जड़ें हिला दी थीं। भारत के पहले फील्ड मार्शल मानेकशॉ ने 13 दिसंबर को पाकिस्तानी जनरल से स्पष्ट रूप से कहा था कि आप आत्मसमर्पण करें या हम आपको मिटा देंगे।
दरअसल, मानेकशॉ और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खान एक साथ फौज में थे और दोस्त हुआ करते थे. देश का बंटवारा हुआ तो याह्या खान पाकिस्तान फौज में चले गए। लेकिन याह्या खान ने जाते-जाते मानेकशॉ से उनकी एक अमेरिकी मोटरसाइकिल 1000 रुपए में खरीद ली। लेकिन पैसे नहीं चुकाए। समय बीतता गया, मानेकशॉ भारत के आर्मी चीफ बने तो पाकिस्तान में याह्या खान ने सरकार का तख्तापलट कर राष्ट्रपति बन गए।
1971 की जंग में पाकिस्तान के सरेंडर करने के बाद मानेकशॉ ने कहा था कि याह्या ने आधे देश के बदले में उनकी मोटरसाइकिल का दाम चुका दिया। सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में जब युद्ध लड़ा गया, तो भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था। 16 दिसंबर 1971 पाकिस्तान ने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने सरेंडर कर दिया था। सरेंडर की वो तस्वीरें इतिहास के पन्नों में एक अहम अध्याय की तरह दर्ज हैं।