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ब्लॉग: गरीब घर की बेटियों को सक्षम बनाने की पहल

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 12, 2023 10:24 IST

महाराष्ट्र सरकार लड़कियों के जन्म को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई 'लाडली बेटी योजना' लेकर आई है। इसके चलते राशन कार्ड धारक परिवार में बेटी के जन्म पर उसे 5000 रुपये दिए जाएंगे।

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई 'लाडली बेटी योजना' काफी सराहनीय हैराशन कार्ड धारक परिवार में बेटी का जन्म होने पर राज्य सरकार उन्हें 5000 रुपए दिया जाएगावहीं, संबंधित लड़की को 18 वर्ष की आयु पूरे होने पर कुल 1 लाख 1 हजार रुपए मिलेंगे- महाराष्ट्र सरकार

लड़कियों के जन्म को प्रोत्साहित कर जन्म दर बढ़ाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई 'लाडली बेटी योजना' निश्चित रूप से सराहनीय है। राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार राज्य में पीले और नारंगी (केसरिया) राशन कार्ड धारक परिवार में बेटी का जन्म होने पर उसे 5000 रुपए, कक्षा 1 में जाने पर 6 हजार रुपए, कक्षा 6 में जाने पर 7 हजार रुपए, कक्षा 11 में जाने पर 8 हजार रुपए और 18 साल की आयु पूरी होने पर 75 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। 

इस तरह संबंधित लड़की को 18 वर्ष की आयु पूरे होने पर कुल 1 लाख 1 हजार रुपए दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी, जिसे अब लागू किया जा रहा है। यह एक कड़वी हकीकत है कि समाज में महिला-पुरुष समानता का नारा दिए जाने के बावजूद अभी भी महिलाओं के साथ भेदभाव समाप्त नहीं हुआ है। 

कई लोग अभी भी लड़कियों के जन्म को बोझ की तरह मानते हैं और उनके पोषण या शिक्षा-दीक्षा पर विशेष ध्यान नहीं देते। लड़कों के प्रति लोगों के पक्षपात को आज भी लिंगानुपात में देखा जा सकता है। जन्म के समय लिंग अनुपात वर्ष 2011 में प्रति 100 लड़कियों पर 111 लड़कों का था। 

साल 2019-21 इसमें कुछ सुधार हुआ है और प्रति 100 लड़कियों पर लड़कों का अनुपात 108 हो गया, फिर भी अभी समानता से तो यह दूर ही है। जबकि लड़कियों को जहां भी मौका मिला है, उन्होंने अपनी प्रतिभा को साबित करके दिखाया है। दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षा हो या अन्य कोई परीक्षा, हर स्तर पर लड़कियों के ही अव्वल आने की खबरें हर साल अखबारों की सुर्खियां बनती हैं।

आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बचा होगा, जहां लड़कियों ने अपनी सफलता के झंडे नहीं गाड़े हों। फिर भी लड़कियों के साथ भेदभाव को देखते हुए उन्हें विशेष प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। 

हालांकि, अभी भी केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लड़कियों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें केंद्र सरकार की 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ', 'सुकन्या समृद्धि योजना', 'बालिका समृद्धि योजना', 'सीबीएसई उड़ान योजना', माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों के प्रोत्साहन की योजना, धनलक्ष्मी योजना जैसी योजनाएं और राज्यों में हरियाणा की लाड़ली स्कीम, मध्य प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना, कर्नाटक की भाग्यश्री योजना, पश्चिम बंगाल की कन्याश्री प्रकल्प योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं। 

महाराष्ट्र में भी माझी कन्या भाग्यश्री योजना चलाई जा रही थी, जिसके स्थान पर अब 'लाड़ली बेटी योजना' लागू की जाएगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन योजनाओं से लड़कियों की जन्म दर, उनकी शिक्षा-दीक्षा को बढ़ावा मिलेगा और उनकी प्रतिभा को निखारने में आर्थिक संकट आड़े नहीं आएगा।

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