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ब्लॉग: पूरी राजनीति बदलती आधी आबादी

By राजकुमार सिंह | Updated: December 18, 2023 09:05 IST

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों का विभिन्न कोणों से विश्लेषण आगे भी जारी रह सकता है, लेकिन खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की प्रचंड जीत में आधी आबादी की निर्णायक भूमिका मानी जा रही है।

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ठळक मुद्देपांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों का विभिन्न कोणों से विश्लेषण आगे भी जारी रह सकता हैएमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत में आधी आबादी की निर्णायक भूमिका मानी जा रही हैइसमें केंद्र से लेकर भाजपाई राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का बड़ा रोल है

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों का विभिन्न कोणों से विश्लेषण आगे भी जारी रह सकता है, लेकिन खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की प्रचंड जीत में आधी आबादी की निर्णायक भूमिका मानी जा रही है। इसमें केंद्र सरकार से लेकर विभिन्न भाजपाई राज्य सरकारों द्वारा नारी सशक्तिकरण से लेकर महिलाओं को सीधे लाभ पहुंचानेवाली योजनाओं तक उठाए गए कदमों का भी परिणाम है।

तेलंगाना भी महिला केंद्रित योजनाओं और चुनावी वायदों में अपवाद नहीं रहा, जहां कांग्रेस को जनादेश मिला है, लेकिन भाजपाई जीतवाले राज्यों में महिला मतदाताओं का रुझान इस कोण से गहन विश्लेषण की जरूरत रेखांकित करता है।

देश में सक्रिय राजनीति की तरह, मतदान प्रक्रिया में भी महिलाओं की भागीदारी बहुत उत्साहवर्धक नहीं रही है, लेकिन वर्ष 2014 के बाद स्थिति बदलती दिख रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां 67.1 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया, वहीं मतदान करनेवाली महिलाओं का प्रतिशत 67.18 रहा।

आंकड़े बताते हैं कि महिला मतदाताओं का ज्यादा वोट भाजपा की झोली में जा रहा है। नरेंद्र मोदी जब भाजपा का चेहरा बने, तब 2014 के चुनाव में भाजपा को मात्र 29 प्रतिशत महिला वोट ही मिले थे, लेकिन 2019 के चुनाव में यह प्रतिशत बढ़ कर 36 पर पहुंच गया।

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तो भाजपा को 46 प्रतिशत महिला मत मिले। पितृसत्तात्मक भारतीय समाज के मद्देनजर यह भी बड़ा सकारात्मक बदलाव है कि महिलाएं वोट देने के लिए दल और उम्मीदवार का चयन खुद कर रही हैं। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे के अलावा सार्वजनिक शौचालय, बैंक खाते, हर घर नल से जल और उज्ज्वला जैसी योजनाएं महिला मतदाताओं के बड़े वर्ग को आकर्षित करने में सफल हैं।

भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने भी महिला मतदाताओं को प्रभावित-लाभान्वित करनेवाली योजनाएं लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। शिवराज सिंह चौहान के 18 साल के शासन में महिलाओं को लाभान्वित करनेवाली 21 योजनाएं चलीं।

छत्तीसगढ़ में शायद ही किसी को भाजपा की जीत का विश्वास रहा हो, पर उसने अंतिम दिनों में महतारी वंदन योजना में हर विवाहित महिला को 1000 रुपए मासिक देने का वायदा ही नहीं किया, बाकायदा लाखों फॉर्म भी भरवा लिए और कार्यकर्ताओं ने फोन करके योजना के फायदे विस्तार से बताना शुरू कर दिया।

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने महिलाओं समेत कमोबेश सभी जरूरतमंद वर्गों के लिए चुनाव से चंद महीने पहले लोक लुभावन योजनाओं-घोषणाओं की बारिश-सी कर दी थी, पर महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के आंकड़ों के सहारे भाजपा ने बाजी पलट दी।

टॅग्स :BJPछत्तीसगढ़राजस्थानकांग्रेसनरेंद्र मोदीNarendra Modi
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